बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने लव जिहाद मामले पर सुनवाई करते हुए इसपर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजककर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है. इससे पहले कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मामले में हाई कोर्ट जाने को कहा था.
सीजेआई ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड हाई कोर्ट में इस मसले पर याचिका लंबित है, इसलिए अभी इस पर कोई फैसला नहीं दे सकते हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि ये मामला गलत है, लेकिन पहले हाई कोर्ट इसपर गौर कर लें.
याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप यादव ने कहा कि यूपी, उत्तराखंड के बाद मध्य प्रदेश, हरियाणा भी कानून ला रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये कई राज्यों से जुड़ा मामला है. वकील ने कानून पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि लोगों को परेशान किया जा रहा है. रोज़ खबर आ रही है कि लोगों को शादी से बरदस्ती उठाया जा रहा है. इसपर कोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भेजककर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है. मामले में सरकार कि ओर से एसजी पेश हुए थे.
बता दें कि यूपी में लव जिहाद कानून को लागू हुए एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस एक महीने में कुल 14 केस रजिस्टर हुए जिनमें 51 लोगों की गिरफ्तारियां हुईं. इन 14 केसों में से 13 केस हिंदू लड़कियों से जुड़े हैं. इन केसों में कथित तौर पर दबाव बनाकर इस्लाम कबूलवाने की कोशिश हुई है. इन 14 केसों में से सिर्फ 2 में शिकायत कथित पीड़ित लड़की की तरफ से आई है, बाकी केसों में पुलिस में शिकायत रिश्तेदारों की तरफ से दर्ज करवाई गई है.