पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बंगाल सरकार को नोटिस भेजा है. शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मामले में पक्षकार हैं, लेकिन उनके नाम से कोई भी नोटिस जारी नहीं हुआ है. लखनऊ की वकील रंजना अग्निहोत्री ने हिंसा की निष्पक्ष जांच कराने कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
जस्टिस विनीत शरण की अध्यक्षता वाली बेंच की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की एसआईटी जांच की मांग वाली अन्य याचिकाओं पर सुनवाई पिछली बार टल गई थी. जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था.
यह दूसरा मौका था, जब किसी जज ने इस मामले से दूरी बनाई थी. उसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका को दूसरी पीठ के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया था.
इस मामले पर जस्टिस विनीत सरन कि अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने आज सुनवाई की. इसके पहले अभी 18 जून को भी जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.
बीते 2 मई को संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सीएम बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने बड़ी जीत दर्ज की थी. 293 सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी के खाते में 213 सीटें आई थीं. वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ दल को कड़ी टक्कर दे रही भारतीय जनता पार्टी ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी. राज्य में हिंसा की खबरें आने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने इलाकों का दौरा किया था.