किसान आंदोलन पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए देश के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखीमपुर खीरी मामले पर टिप्पणी की.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है.
इस बीच केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए आगे कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होना चाहिए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में किसान महापंचायत को जंतर मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई चल रही है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के संगठनों से पूछा कि शीर्ष अदालत ने तीन कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है और ये अधिनियम लागू नहीं हैं. आप किस बात का विरोध कर रहे हैं.
न्यायालय ने आगे कहा कि कानून की वैधता को लेकर संगठनों द्वारा अदालत का दरवाजा खटखटाए जाने के बाद विरोध करने का सवाल कहां आता है.
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन पिछले 10 महीने से दिल्ली के बर्डर पर विरोध प्रदर्श कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद किसानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति मांगते हुए एक याचिका दायर की थी.
“Nobody takes responsibility when such unfortunate incidents take place,” Supreme Court says while referring to Lakhimpur Kheri incident.
Attorney General KK Venugopal, for the Centre, says there should be no further protests to prevent incidents like in Lakhimpur Kheri— ANI (@ANI) October 4, 2021