जहांगीपुरी हिंसा: ऐसा लगा बुलडोजर पर रोक, जानें क्या हुआ सुप्रीमकोर्ट!

शनिवार को हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीपुरी में हुई हिंसा में आज एक नया मोड़ आ गया. जब इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने आज सुबह अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू कर दिया. इस दौरान निगम ने दावा किया कि अतिक्रमण किए गए स्थानों को खाली कराया जा रहा है.

हालांकि इस पूरे अभियान के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर यह आरोप लगाया कि अतिक्रमण के नाम पर जहांगीरपुरी हिंसा के संदिग्धों के घरों को तोड़ने के लिए बुलडोजर चलाए जा रहे हैं. जमीयत की ओर से पेश वकील दवे ने कोर्ट को बताया कि जहांगीरपुरी में असंवैधानिक एवं गैर-कानूनी रूप से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है.

याचिकाकर्ताओं की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण अभियान को रोकने यानी यथा स्थिति बनाए रखने (Stay Order) के निर्देश दे दिए. लेकिन इस बीच कोर्ट रूप में अलग ही स्थिति देखनी पड़ी. जब सीजेआई को याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने यह बताया कि कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी अतिक्रमण हटाने का काम रोका नहीं गया है.

असल में एनएमसीडी के अधिकारियों का कहना था कि वह कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन आदेश की कॉपी उन तक नहीं पहुंची है. इसलिए अवैध अतिक्रमण हटाने का काम अभी जारी है. आदेश प्राप्त होने के बाद ही अवैध अतिक्रमण हटाने का काम रोका जाएगा.

जब इसकी जानकारी वकील दुष्यंत दवे के जरिए भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) एनवी रमना तक पहुंची तो उसके बाद कोर्ट में दवे और के बीच कई अहम सवाल-जवाब हुए..

1. सबसे पहले दुष्यंत दवे ने मुख्य न्यायधीश के सामने मामले को रखते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद तोड़ने और गिराने का काम जारी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल, मेयर, कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को आदेश के बारे में सूचना दें.
2. इसके बाद मुख्य न्यायधीश ने दवे से पूछा कि जिन लोगों का आप नाम ले रहे हैं क्या वह इस कार्यवाही में शामिल हैं.
3. मुख्य न्यायधीश के इस सवाल पर दवे ने कहा कि जब कोर्ट के आदेश को मीडिया के जरिए विस्तारपूर्वक बड़े पैमाने पर पहुंचा दिया गया है. तो भी कार्यवाही जारी रखना उचित नहीं है. उन्होंने अभियान को नहीं रोका है. हम एक लोकतांत्रिक समाज में रहते हैं.
4. इसके बाद मुख्य न्यायधीश ने रजिस्ट्री को निर्देश दिए कि सभी संबंधित लोगों को आदेश की जानकारी दी जाय.
5. फिर दवे ने कहा कि श्रीमान पूरी दुनिया को आपके आदेश की जानकारी होने के बावजूद, वे लोग अभियान को नहीं रोक रहे हैं. ऐसा करने से गलत संदेश जा रहा है.
6. इसके बाद मुख्य न्यायधीश ने एक बार फिर कहा है कि रजिस्ट्री उत्तरी नगर निगम के मेयर, कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को स्टे ऑर्डर की जानकारी पहुंचाए. इसके बाद कोर्ट ने कर्मचारियों ने वकील दवे से अधिकारियों के नंबर लिए.




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