मॉस्को|…..रविवार को रूस में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को जारी रखते हुए हजारों लोग विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की रिहाई की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे. इस प्रदर्शन से क्रेमलिन (रूसी सरकार का मुख्यालय) हलकान है. एक निगरानी संगठन के अनुसार पुलिस ने 2,300 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.
रूसी अधिकारी प्रदर्शन से निपटने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. पिछले सप्ताहांत देशभर में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था. हाल के वर्षों में हुए विरोध का यह सबसे मुखर स्वरूप है.
कैद करने की धमकियों, सोशल मीडिया समूहों को चेतावनी एवं दंगारोधी पुलिस का डर दिखाये जाने के बावजूद रविवार को कई शहरों में जबर्दस्त प्रदर्शन हुआ. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक और भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाने वाले नवलनी (44) को जर्मनी से लौटने पर 17 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था.
नवलनी नर्व एजेंट (जहर) के प्रभाव से उबरते हुए पांच महीने से जर्मनी में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे. उन्होंने क्रेमलिन पर यह जहर देने का आरोप लगाया. रूस के अधिकारी नवलनी के आरोपों का खंडन करते रहे हैं. नवलनी को पेरौल की शर्तों का कथित रूप से उल्लंघन करने को लेकर गिरफ्तार किया गया.
अमेरिका ने रूस से नवलनी को रिहा करने की अपील की है और प्रदर्शनों पर दमनात्मक कार्रवाई की निंदा की है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने ट्वीट किया, ‘अमेरिका लगातार दूसरे सप्ताह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों एवं पत्रकारों पर लगातार कठोर कार्रवाई की निंदा करता है.’
राजनीतिक गिरफ्तारियों पर नजर रखने वाले संगठन ओवीडी -इन्फो के अनुसार रविवार को पुलिस ने विभिन्न शहरों में 2,300 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है. मास्को में कई अभूतपूर्व सुरक्षा कदम उठाए गए हैं और क्रेमलिन (रूसी सरकार के मुख्यालय) के पास सबवे (मेट्रो) स्टेशन बंद कर दिए गए हैं, बसों का मार्ग बदल दिया गया है. रेस्तरां तथा दुकानों आदि को बंद रखने का आदेश दिया गया है.
बाद में कुछ प्रदर्शनकारियों ने मात्रोसाकाया तिशिना जेल की ओर कूच किया जहां नवलनी को रखा गया है. दंगा रोधी पुलिस ने हालांकि उन्हें खदेड़ दिया तथा कई लोगों को हिरासत में ले लिया. मास्को में नवलनी की पत्नी यूलिया समेत 500 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए. उनकी पत्नी प्रदर्शन में शामिल हुई थीं. उत्तरी साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क में रैली में हजारों लोग शामिल हुए. यहां 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और यह सबसे बड़ी रैलियों में से एक थी. सेंट पीटर्सबर्ग में भी मार्च निकाला गया. अन्य शहरों में भी विरोध मार्च निकाले जाने की खबर है.
गृह मंत्रालय ने लोगों को प्रदर्शन में शामिल होने के विरूद्ध कड़ी चेतावनी दी है और कहा कि उन्हें दंगे में शामिल होने का आरोपी बनाया जाएगा जिसकी सजा आठ साल कैद है. पुलिस के विरूद्ध हिंसा करने पर 15 साल तक कैद हो सकती है. 23 जनवरी के प्रदर्शन में करीब 4000 लोग कथित रूप से हिरासत में लिए गए थे. नवलनी की गिरफ्तारी के बाद उनकी टीम ने यू्ट्यूब पर एक वीडियो डाला था, जिसमें पुतिन के लिए कथित रूप से काला सागर में एक मकान बनाए जाने का आरोप लगाया गया था. इस वीडियो से असंतोष भड़का.
नवलनी की टीम ने शुरू में मास्को के लुबयांका स्क्वायर पर प्रदर्शन का आह्वान किया था जहां संघीय सुरक्षा सेवा का मुख्यालय है. खुद को जहर दिये जाने के लिये नवलनी इसी सुरक्षा एजेंसी को जिम्मेदार मानते हैं. पुलिस ने जब इस स्थान को सुरक्षा घेरे में ले लिया तब उससे एक मील की दूरी पर प्रदर्शन स्थानांतरित कर दिया गया. सिटी सेंटर में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने ‘पुतिन इस्तीफा दो’, ‘पुतिन चोर है’ के नारे लगाते हुए मार्च किया.