सुपर 30 के आनंद कुमार को भारत सरकार ने पद्मश्री अवॉर्ड देने की घोषणा की है. पद्मश्री अवार्ड मिलने से आनंद कुमार काफी खुश है और भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए मीडिया के साथ अपनी जीवन की जर्नी को उन्होंने साझा किया.
पटना में रहने वाले आनंद कुमार का जीवन संघर्षों के साथ आगे बढ़ा. उनके पिता पोस्ट ऑफिस में क्लर्क थे और प्राइवेट स्कूल के लिए अपने बच्चों की फीस जुटाने में असमर्थ थे. इसलिए आनंद की पढ़ाई हिंदी मीडियम के सरकारी स्कूल में हुई. पटना हाईस्कूल से इन्होंने पढ़ाई की. आगे बीएन कॉलेज में पढ़े, शुरुआती समय से ही इनकी रुचि गणित में खूब थी.
सुपर 30 के जरिए आनंद कुमार ने बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को आईआईटी में सफलता दिलवाई. आनंद ने हर साल गरीब परिवार से आने वाले गरीब बच्चों को बिना किसी फीस के पढ़ाकर आईआईटी कम्पीट करवाया. बड़ी बात यह कि इन्होंने इस मिथक को तोड़ा कि कोटा जाने से ही बच्चे इंजीनियरिंग में सफल होते हैं.
आनंद कुमार ने सुपर 30 में देश के कई राज्यों के बच्चे बिहार आकर पढ़े. अभी उनके द्वारा पढ़ाए गए कई गरीब बच्चों की जिंदगी बदल गई है और वे देश से विदेश तक में ऊंची सैलरी की नौकरियों में हैं. उन्होंने ट्वीट के जरिये कहा कि भारत-सरकार ने मुझे पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की, विशेष आभार आपने मुझे इस सम्मान के लायक समझा. साथ ही साथ उन तमाम लोगों का सहृदय धन्यवाद जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्तिथियों में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा.