भारत बायोटेक का कहना है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है या वे ऐसी दवा पर होते हैं जो उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करते हैं और एलर्जी वाले लोगों को कोवाक्सिन शॉट नहीं लेना चाहिए, वैक्सीन बनाने वाले भारत बायोटेक ने को एक तथ्य-पत्र में चेताया है.
इससे पहले, सरकार ने कहा था कि जो मरीज इम्युनो-सप्रेसेंट पर हैं या प्रतिरक्षा की कमी से पीड़ित हैं वे वैक्सीन ले सकते हैं लेकिन प्रतिक्रिया ऐसे व्यक्तियों में कम प्रभावी होगी. आमतौर पर कैंसर के मरीज जो कीमोथेरेपी, एचआईवी पॉजिटिव लोग होते हैं और जो स्टेरॉयड पर होते हैं, वे इम्यून-सप्रेस होते हैं.
क्या कहती है फैक्ट शीट
भारत बायोटेक की फैक्ट-शीट कहती है कि एलर्जी के इतिहास वाले लोग, जिन्हें बुखार है, जिन्हें ब्लीडिंग डिसऑर्डर है या ब्लड थिनर है, जो प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्टफीडिंग करते हैं, और किसी भी अन्य गंभीर स्वास्थ्य से संबंधित समस्या के लिए इंजेक्शन नहीं लगवाना चाहिए. अगर कोई शख्स पहले कोई और वैक्सीन ले चुका है तो उसे भी कोवैक्सीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
इन लोगों को कोवैक्सीन शॉट नहीं लेने की सलाह
जिन लोगों को एलर्जी का पुराना इतिहास है.
जिन्हें बुखार हो.
ऐसे लोगों को जो लोग ब्लीडिंग डिस्आर्डर की समस्या से पीड़ित हों.
गर्भवती महिला.
अगर कोई महिला स्तनपान करा रही हो.
अगर कोविड- 19 की दूसरी वैक्सीन ली हो.
राजनीतिक दलों ने भी उठाये थे सवाल
बता दें कि कोवैक्सीन के बारे में अलग अलग राजनीतिक दलों की तरफ से सवाल उठाए गए थे. विपक्षी नेताओं का कहना था कि यह समझ के बाहर जिस वैक्सीन का तीसरे चरण का रिजल्ट पब्लिश नहीं हुआ उसके जरिए बड़ा खतरा मोल क्यों लिया जा रहा है. यह बात अलग है कि भारत बायोटेक ने सफाई दी थी कि कोवैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है.