कर्नाटक में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा और सुप्रभातम बजाने के लिए श्री राम सेना के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद यह विवाद और गहरा गया है.
सुबह पांच बजे से अजान के विरोध में संगठन के कार्यकर्ता सोमवार सुबह पांच बजे से हनुमान चालीसा और सुप्रभातम बजा रहे हैं.
विभिन्न हिंदू संगठनों ने लाउडस्पीकर पर अज़ान के मुकाबले हिंदू मंत्रों को बजाने के लिए श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक को अपना समर्थन दिया है.
दरअसल श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कर्नाटक में अजान बजाने वाले लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार के लिए समय सीमा 9 मई निर्धारित की थी.’
प्रमोद मुतालिक ने कहा, ‘वे किसे गिरफ्तार कर रहे हैं? वे उन भक्तों को गिरफ्तार कर रहे हैं जो मंदिरों में भक्ति गीत बजा रहे हैं. धिक्कार है इस बीजेपी सरकार पर. वे मंदिरों में पूजा-अर्चना करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं. क्यों? भाजपा सरकार को शर्म आनी चाहिए.
आप हिंदुओं और हिंदुत्व के लिए खड़े होने का दावा करते हैं, लेकिन इस (लाउडस्पीकर) पर कार्रवाई नहीं कर सकते. गिरफ्तारियां करोगे? आप नोटिस जारी करेंगे? जितना हो सके उतने लोगों पर एक्शन लो, हम देखेंगे. हमारा आंदोलन (लाउडस्पीकरों के खिलाफ) कल और तेज होगा. यह अभियान तब तक चलेगा जब तक आप कार्रवाई नहीं करते. सिर्फ हमारे हिंदू संगठन ही नहीं, बल्कि पूरा हिंदू समुदाय विरोध में सड़कों पर उतरेगा – यह मेरी आपको चेतावनी है.
मुतालिक के संगठन ने चेतावनी दी थी कि अगर कर्नाटक सरकार ने अज़ान बजाने वाले लाउडस्पीकरों को नहीं रोका, तो वे स्पीकर पर हनुमान चालीसा और सुप्रभातम बजाएंगे. मुतालिक ने 9 मई को आंदोलन शुरू करने की समय सीमा तय की है.
मुतालिक ने कहा, ‘सरकार द्वारा नोटिस दिए जाने के बावजूद किसी ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. 9 मई से, हनुमान चालीसा और ‘ओंकार’ राज्य भर के 1000 से अधिक मंदिरों में सुबह 5 बजे बजाया जाएगा.’
आपको बता दें कि कर्नाटक सरकार ने पहले कहा था कि वह लाउडस्पीकरों के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से एक्शन लेगी. सरकार ने कई मौकों पर कहा है कि नियमों का पालन किया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के कानूनों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल लाउडस्पीकर विवाद की शुरूआत उस समय मुंबई से हुई जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने और अज़ान बजाने वाले लाउडस्पीकरों पर एक्शन लेने की मांग की थी.