इस्लामाबाद|…. पाकिस्तान में पिछले दिनों जनरल नदीम अहमद अंजुम को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का नया महानिदेशक नियुक्त किया गया, जिनका कार्यकाल 20 नवंबर से शुरू होने वाला है. अंजुम को सेना की पसंद बताया जाता है, जबकि प्रधामनंत्री इमरान खान इस फैसले से नाखुश बताए जा रहे हैं.
इमरान की रजामंदी नहीं होने के बावजूद पाकिस्तान की सेना ने आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद का बीते दिनों तबादला कर दिया था. हालांकि इमरान खान को कथित तौर पर अब भी उम्मीद है कि फैज अपने पद पर बने रह सकेंगे.
पाकिस्तान में पल-पल बदल रहे इन घटनाक्रमों के बीच बताया जा रहा है कि इस अहम फैसले से सेना और इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. कहा यहां तक जा रहा है कि सेना व सरकार के बीच टकराव इस कदर बढ़ गया है कि इमरान खान सत्ता से बेदखल भी किए जा सकते हैं.
पाकिस्तान में सेना की वृहद व प्रभावी भूमिका को देखते हुए इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि परिस्थितियां ऐसी तैयार की जा सकती हैं, जिसमें सत्ता के केंद्र में इमरान खान की जगह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हो सकते हैं.
इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच टकराव की खबरें ऐसे समय में सामने आ रही हैं, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपने मुल्क में कई वजहों से लोकप्रियता खोते जा रहे हैं और सवालों का सामना कर रहे हैं.
आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की विफलता के साथ-साथ इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान के साथ बातचीत को लेकर भी सवालों के घेरे में है, जिस पर पेशावर में साल 2014 में सैनिक स्कूल पर हमले के साथ-साथ कई अन्य आतंकी वारदातों को अंजाम देने का आरोप है. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मसले पर इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार से जवाब मांगा है.
इन सबके बीच सेना के साथ टकराव की स्थिति ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए नई समस्या पैदा की है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक ‘राजनीतिक संदेश’ भेजा है, जिसमें उनसे कहा गया कि पाकिस्तान को उनकी आवश्यकता है और उन्हें देश लौटना चाहिए.
नवाज शरीफ इस समय लंदन में हैं, जिन पर इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार में भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के कई आरोप लगे हैं. जेल में बिगड़ते स्वास्थ्य और इस मसले पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री को ‘इलाज’ के लिए लंदन जाने दिया था.
समझा जा रहा है कि नवाज शरीफ की तबीयत अब बेहतर है और लंदन में रहकर वह पाकिस्तान की सियासी गतिविधियों पर करीब से नजर रखे हुए हैं और पर्दे के पीछे से सक्रिय भी हैं. ऐसे में पाकिस्तान की सेना द्वारा उन्हें कथित तौर पर ‘औपचारिक पैगाम’ भेजे जाने को इमरान खान की सत्ता के लिए खतरे की घंटी के तौर पर देखा जा रहा है.
साभार-टाइम्स नाउ