मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा गया है. पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें 4 दिन की रिमांड पर भेजा है. ईडी ने देशमुख की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी.
अनिल देशमुख को कल देर रात गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें आज मुंबई में पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. देशमुख के वकीलों ने उनके पक्ष में कोर्ट में कई दलीलें दीं. देशमुख के वकीलों ने कहा कि निजी फायदे के लिए उनके खिलाफ गलत माहौल बनाया गया.
वकीलों ने कोर्ट में पूछा कि देशमुख पर आरोप लगाने वाले परमबीर आखिर कहां हैं, वकीलों ने दलील दी कि देशमुख ने वाजे को हटाया, इसलिए फर्जी केस लगाया. साथ ही वकीलों ने कहा कि ये बात गलत है कि देशमुख ने ईडी से सहयोग नहीं किया.
मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने देशमुख को ईडी की हिरासत के दौरान घर का खाना और दवाओं के लिए उनके आवेदन को अनुमति दी है. अदालत ने एजेंसी द्वारा पूछताछ के दौरान उनके वकील की उपस्थिति की भी अनुमति दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने अपने रिमांड आवेदन में कहा कि अनिल देशमुख और उनके परिवार के सदस्य बार और ऑर्केस्ट्रा मालिकों से एकत्र किए गए 4.7 करोड़ रुपए के रिश्वत के पैसे की लॉन्ड्रिंग में शामिल थे.
बीती रात करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर लिया. करीब 11 घंटे तक चली पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें अरेस्ट कर लिया. अनिल देशमुख को वसूली रैकेट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है.
उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है. अनिल देशमुख कल सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर खुद ईडी दफ्तर पहुंचे थे. इससे पहले कई बार उन्हें ईडी ने समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन वो ईडी के सामने पेश नहीं हुए. बताया जा रहा है कि ईडी ने अनिल देशमुख से कई सवाल किए, लेकिन जब अधिकारियों को उनके जवाब सही नहीं लगे तो उन्हें अरेस्ट कर लिया गया.