कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बीच पार्टी के नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि राहुल गांधी दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारियां संभालने के लिए राज़ी हो गए हैं. शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की नए अध्यक्ष पद को लेकर बैठक हुई थी. इसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी , राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे.
इन सदस्यों ने उठाई मांग
सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर करीब 5 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी. बैठक में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद संभालने की मांग उठी. अंत में राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी जो ज़िम्मेदारी देगी, उसे वह निभाने के लिए तैयार हैं.
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में के. सुरेश, अब्दुल खालिक, गौरव गोगोई और कुछ अन्य सांसदों ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह फिर से पार्टी की कमान संभालें. इन सांसदों के अलावा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि अब राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए. हाल ही में हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी यह मांग उठाई थी जिसका कई नेताओं ने समर्थन किया था.
‘आम चुनावों में हार की जिम्मेदारी लेकर दिया था इस्तीफा’
राहुल गांधी के इस्तीफे की चर्चा लंबे वक्त से थी और उन्होंने इसकी पेशकश लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के तुरंत बाद कर दी थी. अब राहुल गांधी ने जो इस्तीफा दिया है, उसमें उन्होंने अपने इस्तीफे के ये कारण बताए थे.
उन्होंने लिखा था, ‘बहुत से साथियों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं ही कांग्रेस पार्टी के अगले अध्यक्ष का चुनाव करूं. यह सही है कि किसी की तत्काल जरूरत है कि कोई हमारी पार्टी को लीड करे. मेरे लिए किसी एक का चयन करना गलत होगा. हमारी पार्टी का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है. इसलिए मुझे लगता है कि अब यह पार्टी ही तय करेगी कि कौन हमारा नेतृत्व हिम्मत, प्यार और जिम्मेदारी के साथ कर सकता है.’
हार की लेनी होगी जिम्मेदारी
राहुल गांधी ने लिखा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 में मिली हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. हमारी पार्टी के भविष्य के लिए जवाबदेही जरूरी है. यही कारण है कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. 2019 में मिली हार के लिए पार्टी को पुर्नसंगठित करने की जरूरत है. पार्टी की हार के लिए सामूहिक तौर पर लोगों को कठिन निर्णय लेने होंगे. यह बेहद गलत होगा कि पार्टी की हार के लिए सबको जिम्मेदार ठहराया जाए, लेकिन पार्टी अध्यक्ष होने की वजह से मैं अपनी जिम्मेदारी से भागूं.’
साभार-न्यूज़ 18