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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म, अभी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी सोनिया गांधी

सोनिया गांधी
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कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक खत्म हो गई है. जानकारी सामने आई है कि अभी सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक 7 घंटे के बाद संपन्न हुई. बैठक का नतीजा ये ही निकला कि सोनिया गांधी अभी कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी, अगला अध्यक्ष 6 महीने के भीतर चुना जाना है.

इससे पहले सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे. सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया ने कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहती हैं.

बताया जाता है कि सोनिया गांधी एआईसीसी का सत्र बुलाने तक 6 महीने के लिए पद पर बने रहने को राजी हो गई हैं. वह मानती है कि पत्र ने उन्हें परेशान किया, लेकिन उन्होंने दशकों तक पार्टी के लिए काम किया है और पार्टी के लिए तब तक काम करना जारी रखने के लिए तैयार रहें जब तक नए उम्मीदवार पर फैसला किया जाता है.

कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा, ‘सदस्यों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी में विश्वास व्यक्त किया और उनसे पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का आग्रह किया, वह सहमत हुईं. नए प्रमुख का चुनाव करने के लिए अगली बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी, शायद 6 महीने के भीतर. तब तक सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बने रहने के लिए सहमत हुईं.’

बैठक के दौरान जानकारी मिली थी कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें. सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद और पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं एवं उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों का हवाला दिया.

23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर पत्र लिखा था.

हालांकि इस पत्र के बाद एक के बाद एक कांग्रेसी नेता और मुख्यमंत्री गांधी परिवार के समर्थन में आए और सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जताया. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है.

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