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सोनिया-राहुल बीजेपी से मिलीभगत के आरोपों से नाराज़ आजाद को मनाने में जुटे

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गुलाम नबी आजाद -सोनिया और राहुल गांधी


कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में भी गांधी परिवार और सीनियर नेताओं में तकरार बढ़ती जा रही है. जिसके बाद अब गांधी परिवार डैमेज कंट्रोल मोड में आ गया है. बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले सीनियर नेताओं पर निशाना साधा था. राहुल ने कथित रूप से आरोप लगाये कि यह सब बीजेपी के इशारे पर हो रहा है.

गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई. ऐसे में गुलाम नबी आजाद को मनाने के लिए खुद सोनिया गांधी को आगे आना पड़ा है. सोमवार को सोनिया ने आजाद से काफी देर तक फोन पर बात की. अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी भी गुलाम नबी आजाद से गिले शिकवे दूर करने में जुट गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को राहुल ने भी आजाद को मनाने के लिए फोन पर कुछ देर बात की.

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सोनिया गांधी ने सोमवार शाम को गुलाम नबी आजाद से फोन कर बात की. हालांकि, यह पता नहीं चल सका है कि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई. अनुमान लगाया जा रहा है कि गांधी परिवार किसी भी कीमत पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को रूठने नहीं देना चाहता है.

क्योंकि, गुलाम नबी आजाद राज्य सभा में विपक्ष के नेता के साथ संसद में कांग्रेस की दमदार आवाज भी हैं. एक महीने के अंदर ही संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान यह नहीं चाहता कि पार्टी की एकता को खतरा हो या संसद में उनकी आवाज कमजोर पड़े.

सीडब्लूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया, जब पूर्णकालिक व जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखे जाने की बात सामने आई. इस चिट्ठी में 23 वरिष्ठ नेताओं के साइन थे.

कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को लेटर लिखा था. इनमें गुलाम नबी आजाद, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजिंदर कौर भट्टल , पूर्व मंत्री मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित और कई अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं.

हालांकि, इस चिट्ठी की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ व युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है.

कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाये कि यह सब बीजेपी की साठ-गांठ से हो रहा है. राहुल ने कहा कि जब पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं, तो उस समय ऐसा लेटर क्यों लिखा गया?

आजाद बोले-आरोप साबित करें, दे दूंगा इस्तीफा
राहुल के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताई. आजाद ने कहा कि अगर आरोप सही साबित हुआ कि बीजेपी से साठ-गांठ है, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.

उधर, वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर नाराजगी जताई. सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि हमारी बीजेपी के साथ साठ-गांठ है. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में पार्टी को सफलता दिलाई. मणिपुर में बीजेपी के खिलाफ पूरी ताकत से पार्टी का बचाव किया. पिछले 30 सालों में बीजेपी के पक्ष में एक भी बयान नहीं दिया. फिर भी हम पर बीजेपी से साठ-गांठ का आरोप लग रहा है.


बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान गुलाम नबी आजाद के साथ ही कपिल सिब्बल को भी मनाने की कोशिश कर रही है. पार्टी चाहती है कि ये मामला जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए और मतभेद दूर करके अन्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाए.

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