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कांग्रेस के दिग्गजों ने पार्टी की दशा और दिशा पर किया मंथन, मीटिंग की इनसाइड स्टोरी

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सोनिया गांधी

नई दिल्ली| अगर कहा जाए कि कांग्रेस इस समय अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है तो गलत ना होगा. कांग्रेस के कई दिग्गज पार्टी की दशा और दिशा पर चिंता जाहिर करते हुए सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर चुके हैं.

कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलामनबी आजाद ने कहा था कि अब हम फाइव स्टार कल्चर के जरिए चुनाव जीतने की योजना पर काम करते हैं और उसका असर यह हो रहा है कि जमीन पर कार्यकर्ताओं से संवाद टूट गया है.

यह सिर्फ गुलाम नबी आजाद की बोली नहीं थी, बल्कि दूसरे नेताओं ने इसी तरह की शब्दावली का इस्तेमाल किया. इन सबके बीच शनिवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और असंतुष्टों के बीच बैठक हुई. उस बैठक में क्या कुछ हुआ उसके बारे में हम विस्तार से बताएंगे.

पार्टी में किसी तरह का असंतोष नहीं
बैठक के बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पहली बात तो यह है कि पार्टी में किसी तरह का असंतोष नहीं है. अगर कोई सीनियर नेता कुछ कहता है कि तो उसे मतभेद या मनभेद के तौर पर नहीं मानना चाहिए. शनिवार की बैठक सकारात्मक रही और सबके सामने सिर्फ यही सवाल था कि आखिर किस तरह से पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर काम किया जा सकता है.

मीटिंग की खास बातें

  1. राहुल गांधी के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठी
  2. राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बनें यह उनकी च्वाइस है
  3. राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का मुखिया कौन हो यह समय की मांग नहीं है
  4. राहुल गांधी ने कहा कि वो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नहीं हैं.

पार्टी में नेतृत्व को लेकर संदेह नहीं
कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने कहा कि पार्टी में नेतृत्व में कोई संदेह नहीं है. सभी को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा है. कांग्रेस एकजुट है. आज की बैठक में, हमने चुनौतियों को हल करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की और आगे भी ऐसा ही होता रहेगा.

क्या मान जाएगा G-23 ग्रुप
गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल जैसे 23 नेताओं ने अगस्त में सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए थे. बैठक के बाद इस G-23 में शामिल नेताओं की तरफ से तत्काल कोई बयान नहीं आया है. हालांकि बताया जा रहा है कि कद्दावर नेताओं को रणदीप सुरजेवाला के इस बयान पर आपत्ति है कि आखिर उन्होंने चुनावी प्रक्रिया से पहले यह क्यों कहा कि 99.9 फीसद कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष बनें.

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