कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा हिन्दू धर्म और हिंदुत्व में फर्क बताए जाने के बाद कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी हिंदुत्व के मुद्दे पर कूद पड़े. पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सत्ता में बैठे कुछ लोगों को देश के 80 प्रतिशत लोगों की ही चिंता है.
वे केवल हिंदुत्व को मानते हैं. ऐसे लोगों का सोचना है कि हिंदुत्व की विचारधारा को मानने वाला ही भारतीय है, बाकी लोग गैर-भारतीय हैं. अय्यर ने इस मौके पर राहुल गांधी के बयान का भी जिक्र किया. हिंदुत्व पर विवाद कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ के बाद शुरू हुआ है.
अय्यर ने कहा, ‘राहुल जी ने दो तीन दिन पहले कहा कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर है… तो मैं उसके साथ जोड़ना चाहता हूं कि हम जो हिंदू धर्म पर विश्वास करते हैं, हम 100 प्रतिशत भारतीय हैं. इस देश के सभी वाशिंदों को हम भारतीय समझते हैं.
आज चंद लोग जो सत्ता में हैं, उनका कहना है कि 80 प्रतिशत भारतीय जो हिंदू धर्म को मानते हैं, वही असली भारतीय हैं, बाकी लोग गैर-भारतीय हैं. इस देश में वह मेहमान बनकर रह रहे हैं और जब भी हम चाहें उन्हें इस देश से निकाल देंगे. गैर-भारतीयों का कर्तव्य बनता है कि जिस पथ पर हम निकले हैं उसी पथ पर वे भी निकलें.’
दरअसल, अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सलमान खुर्शीद ने ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ नाम से एक किताब लिखी है. इस किताब में उन्होंने हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस एवं बोको हरम जैसे आतंकवादी संगठनों से की है. इस तुलना के बाद वह भाजपा के निशाने पर आ गए.
आतंकवादी संगठन से हिंदुत्व की तुलना किए जाने पर भगवा पार्टी खुर्शीद पर हमलावर है. इस तुलना से कांग्रेस के कई नेता भी खुश नहीं हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य विधायक भी खुर्शीद की इस सोच से असहमत दिखे.
वहीं, गत शुक्रवार को पार्टी के डिजिटल अभियान ‘जग जागरन अभियान’ की लॉन्चिंग के समय राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म और हिंदुत्व दो अलग-अलग चीजें हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी प्यार एवं राष्ट्रवाद की राजनीति करती है लेकिन इस विचारधारा पर आरएसएस एवं भाजपा की ‘नफरत वाली सोच’ हावी हो गई है.
राहुल ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा जीवित और जीवंत है लेकिन भाजपा और आरएसएस की सोच उस पर हावी हो गई है. हिंदू धर्म मुस्लिम-सिख की पिटाई का नाम नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हमने अपने लोगों को बीच अपनी विचारधारा को आक्रामकता के साथ आगे नहीं बढ़ा पाए हैं.’