पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पाकिस्तान जबरदस्त ‘तिलमिलाया’ हुआ है. पीएम मोदी आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे . उससे पहले महासभा की बैठक में पाकिस्तान ने एक बार फिर पुराना रंग दिखाया और कश्मीर का रोना रोया. पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए भारत पर कई आरोप लगाए.
इमरान ने झूठी दलीलों और गलत तथ्यों के सहारे कश्मीर पर दुनिया का ध्यान खींचने की कोशिश की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत प्रशासित कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों पर मानवाधिकार उल्लंघन का मसला उठाया. इमरान ने कहा कि भारत अपने फैसलों और कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रहा है. इमरान ने एक बार फिर इस द्विपक्षीय मुद्दे में बाहरी दखल की मांग की.
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के समर्थन करने पर अमेरिका पाकिस्तान से नाराज है. इसीलिए इस बार प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क नहीं गए. उनका यह भाषण रिकॉर्डेड कर यूएन जनरल असेंबली में सुनाया गया. पीएम मोदी से पहले ही युवा भारतीय राजनयिक स्नेहा दुबे ने अंतरराष्ट्रीय मंच से प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘करारा जवाब’ देकर भारतीय मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर भी छा गईं.
स्नेहा दुबे ने बड़ी ही बेबाकी से पाक पीएम के झूठ को ‘बेनकाब’ कर दिया. ‘दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान ही वह मुल्क है, जिसने कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी. भारतीय राजनयिक ने कहा कि विश्व भर में माना जाता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का खुले तौर पर समर्थन करता है और उन्हें हथियार मुहैया करवाता है’.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित सर्वाधिक आतंकवादियों को रखने का घटिया रिकॉर्ड पाकिस्तान के पास है. स्नेहा दुबे ने कहा कि लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली. आज भी पाकिस्तान उसे ‘शहीद’ कहकर महिमामंडित करता है.
पाकिस्तान आतंकवादियों को इस उम्मीद में पालता है कि वे केवल उसके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे. हम सुनते आ रहे हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार है. लेकिन यह आग से लड़ने वाले के भेष में आग लगाने वाला देश है.
पाकिस्तान में हिंदू ,सिख और क्रिश्चियन डर के माहौल में जी रहे हैं
भारतीय राजनीति स्नेहा दुबे ने कहा कि पाक वह देश है जिसने बांग्लादेश में धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार किया. आज पाकिस्तान के अल्पसंख्यक सिख, हिंदू और क्रिश्चियन लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं और राज्य-प्रायोजित आतंकवाद के जरिए अपने अधिकारों को कुचला जा रहा है. असहमति की आवाज को दबाया जा रहा है. लोगों को गायब किया जा रहा है, एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग सामान्य है.
भारतीय राजनयिक ने आगे कहा दूसरी तरफ, पाकिस्तान के उलट भारत एक बहुलतावादी लोकतंत्र है. जहां अल्पसंख्यक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, सेना प्रमुख जैसे देश के सर्वोच्च पदों पर पहुंचे हैं. भारत में स्वतंत्र मीडिया और स्वतंत्र न्यायपालिका है जो हमारे संविधान पर नजर रखते हैं और उसकी रक्षा करते हैं. बहुलतावाद तो ऐसी अवधारणा है जिसे समझ पाना पाकिस्तान के लिए बहुत ही मुश्किल है.
उसने तो संवैधानिक तौर पर अल्पसंख्यकों को देश के उच्च पदों पर पहुंचने की मनाही की है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे. अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने, चीन की विस्तारवादी नीतियों और एशिया में बढ़ते आतंकवाद के खतरे को देखते हुए जनरल असेंबली का ये सत्र महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार