राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति अब भी खतरनाक बनी हुई है. यहां वायु गुणवत्ता शुक्रवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. दिल्ली के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह गहरी धुंध नजर आई.
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले दो दिनों ने यहां स्थिति में बहुत बदलाव के आसार नहीं हैं. हवा में प्रदूषक तत्वों की भारी मात्रा में मौजूदगी के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर होने को लेकर विशेषज्ञ कई बार चेता चुके हैं.
एयर क्वालिटी मॉनिटर करने वाली संस्था SAFAR के मुताबिक, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 360 दर्ज किया है, जो गंभीर श्रेणी को दर्शाता है. शुक्रवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर भी दृश्यता बेहद कम रही. हालांकि यहां दृश्यता कम होने की वजह से फ्लाइट्स का ऑपरेशन प्रभावित नहीं हुआ और रनवे पर भी विमानों का परिचालन सामान्य तरीके से जारी रहा.
दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में अक्टूबर के आखिर से ही वातावरण में धुंध देखा जा रहा है, जिसमें दिवाली के बाद और बढ़ोतरी हुई है. इसकी वजह दिवाली पर हुई आतिशबाजी भी बताई जा रही है. वहीं एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली में प्रदूषण की एक अहम वजह यहां सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां भी हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (CSE) की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में इस बार सर्दी की शुरुआत के पहले चरण में 24 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच प्रदूषण के लिए सबसे अहम फैक्टर वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण है, जिसकी भागीदारी दिल्ली के प्रदूषण में 50 फीसदी तक है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद 12.5-13.5 फीसदी तक प्रदूषण इस अवधि में घरों से हुआ है, जबकि उद्योग से 9.9-13.7 फीसदी, निर्माण से 6.7-7.9 फीसदी, कचरा जलाने से 4.6-4.9 प्रतिशत और सड़कों पर उड़ने वाली धूल से 3.6-4.1 फीसदी तक प्रदूषण हुआ है.
इस बीच दिल्ली में कचरा जलाने से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने खुले में कचरा जलाने के खिलाफ अभियान शुरू किया है. यह अभियान एक महीने तक चलेगा, जिसके लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) के अधिकारियों को आग नियंत्रण योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए 550 गश्त टीम तैनात की गई है, जिनमें से 246 की तैनाती रात में होगी. लोगों से भी अपील की गई है कि वे खुले में कचरा न जलाएं.