तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा को कैबिनेट की मंजूरी दिलाने के लिए सरकार जहां तैयारी कर रही है. वहीं, किसान संगठनों ने अपनी छह मांगों को पूरा करने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री मोदी ने गत शुक्रवार को प्रकाश पर्व के दिन तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की.
पीएम ने कहा कि इन कानूनों की वापसी के लिए संवैधानिक प्रक्रिया आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी की जाएगी. पीएम ने किसानों से अपना धरना खत्म कर वापस अपने खेतों में लौटने की अपील की.
पीएम की इस घोषणा का किसान संगठनों ने स्वागत किया है लेकिन वे अभी धरना स्थलों से वापस जाने के लिए तैयार नहीं हैं. किसान संगठन सरकार एमएसपी पर कानून बनाने सहित कुछ अन्य मांगों पर सरकार से भरोसा चाहते हैं. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर पीएम को पत्र लिखा है.
आइए यहां जानते कि उनकी छह मांगें क्या हैं-
1.एमएसपी पर कानूनी गारंटी
2.बिजली संशोधन विधेयक की वापसी
3.पराली जलाने पर किसानों पर दर्ज मामलों की समाप्ति
4.विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी
5.गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी एवं मंत्रिमंडल से बाहर की मांग
6.आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले करीब 700 किसानों के परिजनों को मुआवजा
एसकेएम का कहना है कि छह में से अंतिम तीन उसकी मांगें नई हैं. ये तीन मांगें अभी उसकी तरफ से नहीं उठाई गई थीं. इसलिए इन नई मांगों का भी तुलंत हल निकाला जाना जरूरी है. एसकेएम ने कहा कि 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत की बैठख में भी इन मांगों पर चर्चा की जाएगी.
तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने की पीएम मोदी की घोषणा का स्वागत करते हुए मोर्चा ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार अपने वादे को जल्द से जल्द पूरा करेगी. खास बात है कि एसकेएम ने एमएसपी तय करने के लिए सरकार को नया फॉर्मूला सी2+50% सुझाया है.
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो हो रहा है. इसके दो दिन पहले मोर्चा 27 नवंबर को अपनी बैठक करेगा. इस दौरान उनकी मांगों को लेकर सरकार का रुख क्या करता है, इसे देखते हुए मोर्चा इस बैठक में भविष्य की अपनी रणनीति बनाएगा.