केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना-प्रदर्शन बीते करीब 10 माह से जारी है. किसानों के प्रदर्शन को 27 सितंबर (सोमवार) को 10 माह पूरे हो रहे हैं, जिस मौके पर किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है और अन्य संगठनों से भी भारत बंद में शामिल होने की अपील की है. संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी बताया है कि 27 सितंबर को भारत बंद को लेकर उनकी रणनीति क्या होगी.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के मुताबिक, किसान आंदोलन के 10 महीने पूरे होने के अवसर पर 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि इसमें कई अन्य किसान संगठन भी शामिल हो रहे हैं और इनकी संख्या करीब 100 है.
किसान संगठनों ने राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों, किसान संघों, युवाओं, शिक्षकों, स्टूडेंट्स, महिलाओं, मजदूर संघों से भी 27 सितंबर को आहूत भारत बंद को सफल बनाने की अपील की है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी बताया है कि भारत बंद को लेकर उसकी रणनीति क्या होगी. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक के लिए आहूत किया गया है. इस दौरान अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत एवं बचाव कार्य सहित सभी आवश्यक सेवाओं को बंद से छूट रहेगी.
भारत बंद स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण तरीके से लागू किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने हालांकि राजनीतिक दलों से भी समर्थन मांगा है, पर उसकी नीति राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मंच साझा नहीं करने की है.
यहां उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से भी भारत बंद को समर्थन देने तथा ‘लोकतंत्र व संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा के लिए’ किसानों के साथ खड़े होने की अपील की है. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को बुधवार को 300 दिन पूरे हो चुके हैं.
आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे देश के लाखों किसानों की इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता का सबूत बताया तो यह भी कहा कि समय के साथ यह और मजबूत हुआ है.