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सरकार की योजनाएं गरीबों के लिए हैं, न कि किसी दामाद के लिए : सीतारमण

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सरकार की योजनाएं केवल गरीबों को फायदा पहुंचाने के लिए हैं, न कि किसी दामाद के लिए.

हालांकि उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में उन्होंने जो टिप्पणी की उससे स्पष्ट रूप से कांग्रेसी नेताओं की भृकुटि तन गई. शोर-शराबे के बीच उन्होंने विपक्ष पर अपना प्रहार जारी रखा.

उन्होंने कहा कि जनवरी, 2020 तक यूपीआई के माध्यम से डिजिटल लेनदेन 3.6 लाख करोड़ से अधिक का था. यूपीआई का उपयोग किसके द्वारा किया जाता है? धनी लोगों के द्वारा? नहीं.

उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सवाल दागा कि मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी – ये लोग कौन हैं? क्या सरकार अमीरों को, कुछ दामादों को लाभ पहुंचाने के लिए यूपीआई बना रही है, डिजिटल लेन-देन की सुविधा प्रदान कर रही है? बिल्कुल नहीं.

वह वाड्रा का जिक्र कर रही थीं, जो कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं, और जिन्हें भाजपा द्वारा कथित भूमि सौदे के लिए अक्सर निशाना बनाया जाता रहा है.

बहरहाल, कांग्रेस ने इन आरोपों पर आपत्ति जताई. लेकिन, सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि मुद्रा योजना के तहत 27,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण मंजूर किए गए. मुद्रा योजना कौन लेता है? दामाद?

विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि हम गरीबों की भलाई के लिए कुछ भी क्यों न करें, कुछ लोगों की आरोप मढ़ने की आदत-सी बन गई है. हम गरीबों के लिए जो कुछ भी कर रहे हैं और इस देश के गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए जो भी कदम उठा रहे हैं – इसके बावजूद आरोप मढ़ना कुछ लोगों का शगल बन चुका है.

उन्होंने कहा कि आरोप मढ़ने के लिए एक झूठी कहानी गढ़ी जाती है कि यह सरकार केवल पूंजीपति मित्रों (धनाढ्यों) के लिए काम करती है.

वित्त मंत्री ने कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया; 8 करोड़ लोगों को मुफ्त में रसोई गैस उपलब्ध कराई गई और 40 करोड़ लोगों, किसानों, महिलाओं, विशेष रूप से दिव्यांगों, गरीबों व जरूरतमंदों को नकद राशि दी गई.

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर हमला किया था और आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने 2021-22 के बजट प्रस्तावों में गरीबों, बेरोजगारों और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु व मध्यम) क्षेत्र की अनदेखी की.

राज्यसभा में बजट पर बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि इस बजट से सबसे ज्यादा आस लगाने वाले गरीब, किसान, प्रवासी श्रमिक, एमएसएमई क्षेत्र, मध्यम वर्ग और बेरोजगारों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस बजट को अस्वीकार कर दिया क्योंकि इसमें गरीबों के लिए कुछ भी नहीं था. उन्होंने कहा कि सभी को उम्मीद थी लेकिन गरीबों को नकद हस्तांतरण (कैश ट्रांसफर) नहीं किया गया.

चिदंबरम ने कहा कि बजट में रक्षा क्षेत्र का कोई उल्लेख नहीं किया गया. केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने भाषण में रक्षा का उल्लेख नहीं किया, जो अभूतपूर्व है. चालू वर्ष में 343,822 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों के मुकाबले 2021-22 में रक्षा के लिए बजटीय आवंटन 3,47,088 करोड़ रुपये है. इसमें केवल 3,266 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है.

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