बुल्ली बाई एप विवाद के सिलसिले में मुंबई पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को 18 वर्षीय श्वेता सिंह को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया और सुर्खियों में कहा गया कि यह युवती इस पूरे केस की मास्टरमाइंड रही.
इसके एक दिन पहले जिस 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को बेंगलूरु से गिरफ्तार किया गया था, श्वेता उसकी सहयोगी भी पाई गई. दोनों सोशल मीडिया पर कथित तौर पर तब संपर्क में आए थे, जब दोनों को विचारधारा में समानता दिखी थी. इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हुई और दोनों ने मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ वाले वेबपेजों का खेल शुरू किया.
बताया जा रहा है कि GitHub नाम के कोड शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर विवादास्पद वेबपेज होस्टिंग मामले में पहला वेब पेज जुलाई 2021 में सामने आया था जबकि दूसरा बुल्ली बाई नाम से 1 जनवरी को.
इन पेजों पर प्रतिष्ठित मुस्लिम महिलाओं के लिए अपमानजनक सामग्री होना पाया गया था, जिससे विवाद ने तूल पकड़ लिया था. इस सिलसिले में ट्विटर के ज़रिये ट्रैस हुए विशाल कुमार झा को पहले गिरफ्तार किया गया और उसके बाद मुंबई की साइबर क्राइम सेल ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर ज़िले में स्थित रुद्रपुर से श्वेता को गिरफ्तार किया.
इस मामले को लेकर मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो श्वेता अपने तीन भाई बहनोंं के साथ रुद्रपुर में रहती है और पिछले साल मई के महीने में उसके पिता की मौत कोविड 19 के चलते हो गई थी. इससे पहले 2011 में उसकी मां की मौत कैंसर से हो चुकी थी. उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से एचटी की रिपोर्ट में कहा गया कि श्वेता ‘हिंदुत्व के विचार’ के साथ जुड़ी हुई थी और इस तरह की सामग्री सोशल मीडिया पर अक्सर पोस्ट किया करती थी.
पहचान गुप्त रखने की शर्त पर उत्तराखंड के पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया, ‘इसी विचार से जुड़ी एक पोस्ट पर चर्चा के दौरान दोनों आरोपी संपर्क में आए थे और फिर वॉट्सएप पर बातचीत करने लगे और दोस्त बन गए… मुंबई पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद की गई पूछताछ में श्वेता ने किसी किस्म के पछतावे से इनकार भी किया.’