आज बात एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर करेंगे. कांग्रेस पार्टी पिछले कई महीनों से अपने नए नेता को लेकर संकट से गुजर रही है.
‘पार्टी में जारी असंतुष्ट नेताओं, गुलाम नबी, आजाद कपिल सिब्बल आनंद शर्मा आदि के घमासान के बाद अब एक बार फिर से महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने अब सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते वह खिलाफत शुरू कर दी है’, शिवसेना ने साफ तौर पर कहा है कि मराठी मानुष और एनसीपी के मुखिया शरद पवार को नए यूपीए की कमान मिलनी चाहिए’.
यही नहीं शिवसेना ने राहुल गांधी को भी परिपक्व नेता नहीं माना. यह बयान शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखकर एक बार फिर से विपक्ष में हलचल मचा दी है. ‘शिवसेना के इस नए सियासी हथकंडे के बाद फिर से महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक हलचल शुरू हो गई है. आपको बता दें कि मौजूदा समय में यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैं.
शिवसेना की इस मांग के बाद शिवसेना और कांग्रेस के बीच खटास बढ़ सकती है. कुछ दिन पहले सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिख उनसे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए योजनाओं को लागू करने को कहा था, सोनिया के इस फरमान के बाद शिवसेना, कांग्रेस में तभी से तल्खी बढ़ी हुई है.
आपको बता दें कि शिवसेना के इस मुखपत्र सामना को फिलहाल पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ही देख रहे हैं. राउत ही सामना अखबार में संपादकीय की जिम्मेदारी निभाते हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार