सामना ने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं. शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है, राहुल गांधी में सभी विपक्षी दलों को साधने की क्षमता कम है. राहुल गांधी व्यक्तिगत तौर पर भले ही संघर्ष कर रहे हो लेकिन कहीं न कहीं कमी है.
तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, अकाली दल, बीएसपी, समाजवादी पार्टी, जगन मोहन रेड्डी, नवीन पटनायक, कुमारास्वामी की पार्टी, चंद्रशेखर राव, नवीन पटनायक की पार्टी और नेता बीजेपी के विरोधी है. लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में जो यूपीए है उसमें यह लोग शामिल नहीं है.
ऐसे में बीजेपी विरोधी इन पार्टियों का यूपीए में शामिल हुए बिना विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार से टकराने में सक्षम नहीं होने वाला. शिवसेना केे कांग्रेस पर हमले के बाद भाजपा ने तंज कसा.
‘बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने शिवसेना के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि संजय राउत का बयान यही दिखा रहा है कि अब यूपीए में भी बगावत हो गई है’.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस दल के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार चला रही है, अब उसी दल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के यूपीए की चेयरपर्सन बने रहने को लेकर सवाल खड़े करना, दिखाता है कि यूपी में सब कुछ ठीक नहीं है.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार