बीजेपी के साथ सत्ता में आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार को फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे. एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों को अपने साथ ले जाकर उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का नेतृत्व किया था. बाद में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और साल 2019 में अस्तित्व में आई महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई.
एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ शिवसेना के गठबंधन को लेकर उद्धव के खिलाफ बगावत की थी. बागी गुट चाहता था कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महा विकास अघाड़ी गठबंधन छोड़ कर बीजेप के साथ सरकार बनाए. उद्धव हालांकि गठबंधन पर अड़े रहे और राज्यपाल की ओर से दिए गए फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
जब एकनाथ शिंदे ने बगावत की थी, तो उन्होंने दावा किया कि उनके साथ 50 से अधिक विधायक हैं. ये संख्या काफी सही भी है, क्योंकि सरकार ने रविवार को बीजेपी के राहुल नार्वेकर के पक्ष में 164 मतों के साथ विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव जीत लिया.
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 106 विधायक हैं. बागी शिवसेना गुट की ताकत 39 है. राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, हितेंद्र ठाकुर की बहुजन विकास आघाड़ी और प्रहार जनशक्ति पार्टी जैसे छोटे दलों ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए शिंदे सरकार का समर्थन किया.
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में जो हुआ उसे देखते हुए शिंदे सरकार के फ्लोर टेस्ट से गुजरने की संभावना है. विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को सिर्फ 107 वोट मिले. समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम मतदान से दूर रही. वर्तमान में विपक्ष के पास 117 विधायकों का समर्थन है.
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि बीजेपी के विधानसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार ने 164 वोटों से चुनाव जीता. साथ ही कहा कि 2 विधायक स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सके. उन्होंने कहा कि सोमवार को फ्लोर टेस्ट में सरकार 166 मतों के साथ बहुमत साबित करेगी.