आज हम राजनीति जगत के एक ऐसे ‘खिलाड़ी’ की बात करेंगे जो समय-समय पर कहते हैं कि अभी मेरी ‘पॉलिटिक्स’ खत्म नहीं हुई है. हर बार वे अपने बयानों से सत्ता और विपक्ष के नेताओं में हलचल मचा देते हैं. अब एक बार फिर उन्होंने ऐसे संकेत दिए कि कांग्रेस की ‘नींद’ उड़ गई है.
पिछले वर्ष 12 दिसंबर 2020 अपना 80वां जन्मदिन मना चुके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की एक बार फिर विपक्ष के नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने के लिए ‘सियासत जवां’ होने लगी है. यानी 80 वर्ष की आयु में भी वह कांग्रेस को दरकिनार कर विपक्ष के रूप में नेतृत्व संभालने के लिए तैयारी में जुट गए हैं.
बता दें कि शरद पवार आज देश के सर्वाधिक अनुभवी राजनीतिज्ञों में से एक हैं. कैंसर की लंबी बीमारी के बावजूद उनकी सक्रियता में कोई कमी नहीं आई है.
मंगलवार को मुंबई में जब शरद पवार, कांग्रेस छोड़कर आए पीसी चाको को अपनी पार्टी एनसीपी में शामिल करा रहे थे उसी दौरान उनकी ‘सियासी हसरतें’ बाहर भी आ गईं, जिसकी ‘धमक’ राजधानी दिल्ली में गांधी परिवार तक सुनाई दी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कांग्रेस को हटाकर ‘नया फ्रंट’ बनाने का संकेत दे दिए, पवार ने कहा कि अल्टरनेटिव प्रोग्रेसिव मंच खड़ा हो, इसके लिए सोचने की जरूरत है.
‘पवार ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने फोन पर कहा कि अल्टरनेटिव मंच बनाने की जरूरत है, इसके बारे में सोचिए. येचुरी के जवाब के बाद एनसीपी के मुखिया पवार ने कहा कि कोई भी साथी जब भी इस तरह के प्रस्ताव देते हैं तो हम इस पर ध्यान देते हैं’.
शरद पवार की इस नई कवायद के बाद कांग्रेस विपक्ष के तौर पर और कमजोर हो जाएगी, क्योंकि पार्टी के अंदर गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी और राज बब्बर समेत कई ऐसे नेता है जो गांधी परिवार का नेतृत्व नहीं चाहते हैं. बता दें कि ये कांग्रेसी नेता गांधी परिवार के नेतृत्व पर पहले से ही सवाल उठाते आ रहे हैं. कांगेस पार्टी में असंतुष्ट चल रहे यह सभी नेता शरद पवार के काफी करीबी मानेेेे जाते हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार