यह मेरा आदमी है, गलत हो ही नहीं सकता है. इसे मैंने शिवसेना और कांग्रेस से लड़ झगड़ कर महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार में गृहमंत्री बनाया था. इस पर उंगली उठाने का मतलब हुआ कि मेरे पर उंगली उठाना. किसी भी मामले में अगर इसकी कुर्सी गई तो समझ लो मेरे राजनीतिक करियर में भी दाग लग जाएंगे. फिलहाल मैं यह नहीं चाहता हूं, क्योंकि मुझे अभी केंद्र की राजनीति में एक कद्दावर नेता के रूप में खड़ा होना है.
ऐसा ही कुछ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक संदेश देने की कोशिश करने में लगे हुए हैं. जी हां आज बात एक बार फिर ‘एंटीलिया केस’ में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर होगी. ‘मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लगाए गए आरोपों के बाद अब शरद पवर अपने चहेते महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है’.
इन दिनों एनसीपी के मुखिया शरद पवार दिल्ली में हैं. हालांकि रविवार रात पवार ने दिल्ली में अपने घर पर बैठक बुलाई थी . बैठक में शरद पवार ने वाजे की नियुक्ति की पूरी जिम्मेदारी परमबीर सिंह पर ही डाल दी. उसके बाद रात में ही शरद पवार ने साफ तौर पर कहा कि अनिल देशमुख को नहीं हटाया जाएगा. पूरे मामले में हमलावर भारतीय जनता पार्टी अनिल देशमुख को न हटाने पर सवाल उठा रही है.
सोमवार को एक बार फिर भाजपा संसद से लेकर सड़क तक उद्धव ठाकरे सरकार को घेरने के लिए आक्रामक दिखाई दी. मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी की गूंज आज देश की संसद में सुनाई दी. महाराष्ट्र के सियासी संग्राम को लेकर राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ. ‘राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पहले आतंकवादी बम लगाते थे लेकिन अब पुलिस बम लगाती है, राज्यसभा में भाजपा के सांसदों ने महाराष्ट्र सरकार बर्खास्त करो के नारे भी लगाए’.
दूसरी ओर अनिल देशमुख के इस्तीफे के सवाल पर शिवसेना के राज्यसभा सांसद ‘संजय राउत ने कहा कि आरोप बहुत लगते हैं सब पर इस्तीफा हुआ तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा.
राउत ने कहा कि इस्तीफा लेने का अधिकार सीएम का है, विपक्ष के आरोपों पर इस्तीफा लेंगे तो आधी कैबिनेट खाली हो जाएगी’. वहीं परमबीर सिंह ने सोमवार को अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से उन आरोपों की जांच कराए जाने की भी मांग की है, जिसका जिक्र उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में किया था.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार