पुणे| महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी द्वारा की गई विवादित टिप्पणी को लेकर आज राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों ने पुणे बंद का आह्वान किया है. बंद में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), संभाजी ब्रिगेड सहित कुछ अन्य संगठन भाग लेंगे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार पुणे में एक व्यापारी निकाय, फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ पुणे (एफएटीपी) के अध्यक्ष फतेहचंद रांका ने बंद को समर्थन दिया है और दोपहर 3 बजे तक दुकानें बंद रखने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी के बाद राज्यपाल और भाजपा नेता त्रिवेदी विपक्ष के निशाने पर हैं. शिवाजी महाराज पर राज्यपाल की टिप्पणी के बाद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिसकी मांग विपक्ष कर रही है. इसलिए पार्टियों ने सर्वसम्मति से बंद का आह्वान किया है. इस बंद को विभिन्न व्यापारी संघ, मराठा सेवा संघ, मुस्लिम संगठन, दलित संगठन, ऑटो यूनियन, बैंक यूनियन और विभिन्न स्पॉट एसोसिएशन ने अपना समर्थन दिया है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने पिछले महीने औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर कोई पूछता है कि आपका आइकन कौन है तो आपको किसी की तलाश में बाहर जाने की जरूरत नहीं है. आप उन्हें यहीं महाराष्ट्र में पाएंगे. छत्रपति शिवाजी महाराज अब पुराने आदर्श बन गए हैं. आप नए लोगों लोगों को आदर्श के रूप में देख सकते हैं. बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक.
राज्यपाल के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी तूफान खड़ा हो गया. महाराष्ट्र में एक भावनात्मक और प्रतिष्ठित व्यक्ति, राजनीतिक संबद्धता से परे, मराठा योद्धा पर राज्यपाल द्वारा की गई टिप्पणी नेताओं को अच्छी नहीं लगी. इस बयान ने बड़े पैमाने पर हंगामा खड़ा कर दिया और मराठा संगठनों और विपक्षी नेताओं से समान रूप से इसकी निंदा की.