देशभर के डॉक्टरों के साथ भाजपा नेताओं की नाराजगी के बाद कांग्रेस भी रामदेव से अपना पुराना हिसाब चुकाने के लिए ‘आक्रामक’ हो गई है. सोशल मीडिया यूजर्स बाबा रामदेव के पुराने वीडियो को भी ट्वीट कर निशाना साध रहे हैं. इनमें से कई वीडियो में रामदेव आयुर्वेद को उच्च कोटि का बताते हुए एलोपैथी और उसके डॉक्टरों पर तंज कस रहे हैं.
इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ जिसमें वो बाबा रामदेव की आलोचना करते हुए दिख रहे हैं. इस वीडियो को दोबारा से ‘कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा है कि रामदेव बालकृष्ण की जोड़ी ठग थी, ठग है और ठग रहेगी’. दिग्विजय के अलावा कई और विपक्षी नेताओं ने भी ट्विटर के जरिए रामदेव पर अपनी भड़ास निकाली.
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास ने भी बाबा रामदेव का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि आखिर ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें हमारे डॉक्टरों के खिलाफ क्यों जहर उगलने दे रहे हैं, क्या आप भारतीय होने के नाते इसका समर्थन करते हैं’. साथ ही कांग्रेस नेत्री डॉ शमां मोहम्मद ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि बाबा रामदेव को महामारी रोग नियंत्रण एक्ट के तहत ‘गिरफ्तार’ किया जाना चाहिए. रामदेव हमारे डॉक्टरों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का अपमान कर रहे हैं.
ऐसे ही दिल्ली की कांग्रेस नेत्री रागिनी नायक ने भी रामदेव पर निशाना साधा. बता दें कि पिछले दिनों बाबा रामदेव ने एक मंच पर बैठकर लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले क्लोरोक्वीन फेल हुई, फिर रेमडेसिविर फेल हो गई, फिर एंटीबायोटिक फेल हो गई, फिर स्टेरॉयड फेल हो हुई, फिर प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी बैन लग गया.
इसके अलावा बाबा रामदेव ने यह भी कह दिया कि बुखार की कोई दवाई कोरोना पर काम नहीं कर रही और लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है. हमारे न्यूज पोर्टल के विचार ये हैं . पतंजलि प्रमुख बाबा रामदेव आयुर्वेदिक दवाओं से सभी बीमारियों को ठीक करने का ‘दावा’ करते हैं, लेकिन उन्हें और भी अन्य चिकित्सा प्रणालियों पर भी सवाल उठाने का अधिकार नहीं है.
एमबीबीएस डॉक्टरों की कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने इन्हें ‘फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स’ माना है . ऐसा भी नहीं है कि बाबा रामदेव ने एलोपैथिक का इलाज नहीं कराया हो . एक दशक पहले (2011 में) जब अन्ना हजारे राजधानी दिल्ली मेंं जनलोकपाल की मांग को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन पर बैठे थे. तब हजारे के मंच पर रामदेव ने भी आंदोलन चलाया था. उसके बाद कांग्रेस के बढ़ते मनमुटाव के बाद देर रात उन्हें मंच से ही कूदकर भागना पड़ा था.
उसके बाद उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी. ब्लड प्रेशर बढ़ने पर रामदेव को देहरादून स्थित एक एलोपैथिक अस्पताल में एडमिट कराया गया था. एलोपैथिक दवाइयों से ही वह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए थे. योग गुरु बाबा रामदेव को आयुर्वेद के साथ एलोपैथिक चिकित्सा को भी सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार