भारतीय औषधि महानियंत्रक डॉ. वीजी सोमानी ने मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 की वैक्सीन का उम्मीदवारों पर क्लीनिकल ट्रायल फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है.
डीसीजीआई ने दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए किसी भी उम्मीदवर को चुनने को रोकने वाले अपने पहले के आदेश को रद्द कर दिया.
हालांकि, डीसीजीआई ने इसके लिए जांच के दौरान अतिरिक्त ध्यान देने समेत अन्य कई शर्ते रखी हैं. एसआईआई से डीजीसीआई ने विपरित परिस्थतियों से निपटने में नियम के अनुसार तय इलाज की भी जानकारी जमा करने को कहा है.
इससे पहले 11 सितंबर को डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के संभावित वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल पर रोक लगाई जाए, क्योंकि दिग्गज दवा कंपनी एस्ट्राजेनिका ने स्टडी में शामिल हुए एक व्यक्ति के ‘तबीयत खराब’ होने के बाद अन्य देशों में ट्रायल रोक दिया था.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वे चिकित्सा संबंधी सूचनाओं का खुलासा नहीं कर सकते, लेकिन पुष्टि करते हैं कि स्वतंत्र जांच में परीक्षण को सुरक्षित बताया गया.
एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा कि एमएचआरए द्वारा टेस्टिंग को सुरक्षित बताए जाने के बाद एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस के टीके AZ1222 के ट्रायल को बहाल कर दिया है.
AstraZeneca के सीईओ पास्कल सॉरियट को वैक्सीन के जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद है. उनका कहना है कि यह वैक्सीन इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत तक आ सकती है.
सॉयरिट ने कहा कि पूरी दुनिया की नजरें इस वैक्सीन के ट्रायल पर हैं, इसलिए इसकी इतनी चर्चा हो रही है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि साल के अंत तक रेग्युलेटरी अप्रूवल के लिए डेटा हासिल किया जा सकेगा