रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण मालाबार युद्धाभ्यास का दूसरा चरण कल (17 नवम्बर) से उत्तरी अरब सागर में शुरू किया जाएगा. यह अभ्यास 17 से 20 नवंबर तक किया जाएगा. चार दिवसीय इस अभ्यास में भारत सहित जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलियाई नेवी अपनी ताकत दिखाएंगे.
इससे पहले 3 से 6 नवंबर के बीच मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण बंगाल की खाड़ी में पूरा हुआ था.
दूसरे चरण के युद्धाभ्यास में अमेरिकी विमानवाहक युद्धपोत यूएसएस निमित्ज़ और भारतीय नौसेना के सबसे ताकतवर युद्धपोत विक्रमादित्य के साथ ऑस्ट्रेलियाई और जापानी नौसेना के दो विध्वंसक पोत हिस्सा ले रहे हैं.
भारत के विक्रमादित्य में मिग 29 प्लेन मौजूद हैं, जबकि निमित्ज पर F-18 फाइटर प्लेन मौजूद हैं. बता दें कि भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड सदस्य हैं.
इस युद्धाभ्यास से सेना को दुश्मनों के खिलाफ युद्धनीति बनाने में मदद मिलेगी. इस युद्धाभ्यास के जरिए सभी चार देशों की नौसेनाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
अभी तक की जानकारी के मुताबिक युद्धाभ्यास में 70 विदेशी युद्धपोतों के पहुंचने की खबर है.
शीर्ष नौसैनिक कमांडरों के अनुसार, भारतीय नौसेना पूरी तरह से पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तट पर तैनात है और यदि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में स्थिति पहले से और खराब हो जाती है तो किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
विश्लेषकों का कहना है कि यह स्पष्ट है कि क्वाड सदस्य किसी भी स्थिति में एक दूसरे की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और दक्षिण चीन सागर की किसी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.