भारत के बाजार नियामक ने सरकारी क्षेत्र की लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन के लगभग 8 अरब डॉलर की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) को मंजूरी दे दी है. बुधवार को मीडिया सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी. इससे पहले रॉयटर्स ने कहा था कि बैंकों ने सुझाव दिया था कि सरकार को इस आईपीओ को टालना चाहिए.
ये है सरकार का प्लान
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा आईपीओ की मंजूरी अंतिम अवलोकन की तारीख से 12 महीने की अवधि के लिए वैध है. सरकार का प्लान इसी महीने यानी नए वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले ही एलआईसी में अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने का है.
बजट खर्च के लिए धन जुटाने की सरकार की योजना के लिए यह पेशकश बेहद अहम मानी जा रही है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर हमले से भारत सहित वैश्विक बाजार बेहद अस्थिर हो गए हैं.
एलआईसी ने फरवरी 2022 में मार्केट रेगुलेटर के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे. फिलहाल एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है. इस इश्यू में 31,62,49,885 इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे. डीआरएचपी के मुताबिक आईपीओ में कंपनी के कर्मचारियों और एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स के लिए शेयर आरक्षित होंगे.
हालांकि अब तक एलआईसी के आईपीओ की तारीख फाइनल नहीं हुई है. एलआईसी के आईपीओ को सेबी की मंजूरी महज 22 दिनों में मिल गई है. हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एलआईसी में ऑटोमैटिक रूट के जरिए 20 फीसदी तक प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) की अनुमति दी थी.
इससे देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश में आसानी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीकी अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया था.