लंबे इंतजार के बाद आज कई राज्यों में स्कूल खोल दिए गए. इसके लिए ये राज्य सरकारें कई दिनों से तैयारियों में जुटी हुई थी. वहीं बच्चे स्कूल खुलने का काफी समय से इंतजार कर रहे थे. दूसरी ओर राज्यों में स्कूल खुलने से अभिभावकों की चिंता भी बढ़ा दी है. बता दें कि कुछ दिनों से देश में किसी कोरोना की तीसरी लहराने को लेकर आशंका जताई गई है. केरल और महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों को लेकर केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है.
महामारी ने सबसे अधिक शिक्षा विभाग पर असर पड़ा है. कोविड-19 की वजह से लंबे समय से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. अधिकतर राज्यों में स्कूल कॉलेज बंद थे. लेकिन अब राज्य सरकारों ने स्कूल-कॉलेजों को खोलने का फैसला किया है.कोरोना के मामलों में आई कमी के बाद अब देश में फिर से स्कूल खुलने का सिलसिला शुरू हो गया है. एक सितंबर यानी आज से कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए हैं.
यूपी, दिल्ली, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में सख्त प्रोटोकॉल के साथ स्कूल खुले हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से लेकर 5 तक विद्यालय खोले गए हैं. हालांकि अभी कई राज्यों ने अपने यहां स्कूल कॉलेज नहीं खोले हैं. इन राज्यों में मुंह पर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजर के साथ बच्चे बुधवार की सुबह स्कूल जाते दिखे.
कोविड के कारण करीब दो साल तक बच्चों को घर पर रहना पड़ा और उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हुई. दूसरी ओर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज से स्कूल खुले हैं लेकिन हमने किसी अभिभावक को बाध्य नहीं किया है कि स्कूल आना जरूरी है. बच्चा चाहे तो ऑनलाइन क्लास से ही काम चला सकता है.
बता दें कि राजधानी दिल्ली में स्कूल दो चरणों में स्कूल खोले गए हैं. पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने दो चरणों में स्कूल खोले जाने की घोषणा की थी. बता दें कि दिल्ली में स्कूल 1 सितंबर से 9वीं से 12 कक्षा के लिए स्कूल खुले हैं. वहीं कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल 8 सितंबर से खोले जा सकते हैं.
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, कक्षाएं संचालित करने के लिए अधिकतम 50 प्रतिशत उपस्थिति की अनुमति दी गई है. ऐसे ही राजस्थान, कर्नाटक, यूपी और मध्य प्रदेश की सरकारों ने शिक्षा विभाग को स्कूलों में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं.