34 साल पुराने रोडरेज के केस में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रेसिडेंट नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सख्त सजा सुनाई है. सिद्धू के हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 हजार रुपए का जुर्माना देकर छोड़ दिया था.
सिद्धू को अब या तो गिरफ्तार किया जाएगा या फिर वो सरेंडर करेंगे. पंजाब पुलिस को इस मामले में कानून का पालन करना होगा. सिद्धू को सजा काटने के लिए पटियाला जेल भेजा जा सकता है.
सिद्धू इस वक्त पटियाला में मौजूद हैं. सुबह उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ हाथी पर बैठकर प्रदर्शन किया था. सितंबर 2018 में उन्होंने सजा के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की थी.
सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है. सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया. आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई. जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया. बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई. पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया.
इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा. सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में बरी कर दिया था. इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया. साल 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को तीन साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी.