महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर पर बालासाहेब ठाकरे के विचारों की एक पुरानी क्लिप साझा की है. पुरानी क्लिप साझा करने पर शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को राज ठाकरे को फटकार लगाई है. साथ ही सवाल किया है कि जब विलासराव देशमुख , पृथ्वीराज चव्हाण और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तब यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया?
संजय राउत ने गुरुवार को पुणे के हडपसर इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, हर जगह लाउडस्पीकर पर राजनीति हो रही है और मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के बारे में बालासाहेब के विचारों पर उनके कुछ पुराने क्लिप साझा किए जा रहे हैं.
जब विलासराव देशमुख, पृथ्वीराज चव्हाण और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे तो 50 साल तक यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया? उन्होंने कहा, राज ठाकरे का इस दौरान लाउडस्पीकर के साथ कभी कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन अब उनके पास यह मुद्दा है.
क्योंकि उनके भाई (उद्धव ठाकरे) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं. राउत ने आगे कहा कि बालासाहेब एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राज्य के लिए एक मुस्लिम मुख्यमंत्री को भी स्वीकार कर लिया था, कई युवाओं को यह नहीं पता होगा लेकिन अब्दुल रहमान अंतुले बालासाहेब के पसंदीदा मुख्यमंत्री थे.
लोगों ने बालासाहेब से पूछा था कि शिवसेना कब सत्ता में आएगी, वह किस तरह का सीएम चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि वह अंतुले जैसा सीएम चाहते हैं जो तुरंत निर्णय ले सके और प्रशासन पर उनकी अच्छी कमान हो.
बता दें कि बीते बुधवार को राज ठाकरे ने बाल ठाकरे की एक पुरानी क्लिप शेयर करते हुए कहा था कि ‘जब उनकी सरकार बनेगी तो वह मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा देंगे.
अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मनसे प्रमुख ने 36 सेकंड का एक लंबा वीडियो ट्वीट किया जिसमें बालासाहेब शिवसेना की रैली को संबोधित कर रहे हैं और कह रहे हैं कि धर्म इस तरह से होना चाहिए कि वह देश के विकास के बीच में न आए. वीडियो में शिवसेना के संस्थापक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, लोगों को कोई असुविधा महसूस नहीं होनी चाहिए.