मुंबई| बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस यानी वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया है. अब इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र पर उनके ‘राजकीय तांडव’ के पीछे का एजेंडा अब साफ हो गया है.
वो मुंबई मामले में अपने बयानों के जरिए एक राजनीतिक एजेंडा चला रहे थे. जिसके लिए बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने उन्हें अब इनाम दिया है.’
दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत केस में जब महाराष्ट्र सरकार ने जांच करने गए बिहार के आईपीएस विनय तिवारी को जब जबरन क्वारंटीन कर दिया था, तब गुप्तेश्वर पांडेय ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए महाराष्ट्र सरकार को घेर लिया था. अब उसी को लेकर राउत ने निशाना साधा है.
वीआरएस के बाद बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के चुनाव लड़ने की चर्चा है. संजय राउत ने कहा कि जो पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाएगी उसपर लोग भरोसा नहीं करेंगे.
बता दें कि अपने चुनाव लड़ने की खबरों पर गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा, ‘अभी तक मैंने कोई राजनीतिक पार्टी ज्वॉइन नहीं की है.
चुनाव लड़ने को लेकर भी फिलहाल कोई फैसला नहीं किया है. जहां तक मेरी समाजसेवा की बात है, वो मैं बिना राजनीति में आए भी कर सकता हूं.’
गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि कई लोग मुझे ट्रोल कर रहे हैं. सुशांत मामले से जोड़कर लोग देख रहे हैं. मेरे वीआरएस से सुशांत मामले का कोई लेना देना नहीं है.
मैंने सुशांत के निराश और हताश पिता की मदद की, लेकिन मेरी सीबीआई की अनुशंसा पर भी सवाल उठे, जो सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहरा दिया. हमने हंगामा तब किया जब हमारी पुलिस के साथ गलत हुआ.
मैंने सुशांत के इंसाफ के लिये लड़ाई लड़ी. लोग कह रहे हैं कि मैने सुशांत के मामले को उठाया, उसे लोग राजनीति से जोड़ रहे हैं जो गलत है.
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं. संयुक्त बिहार में कई जिलों के एसपी और रेंज डीआईजी के अलावा वे मुजफ्फरपुर के जोनल आईजी भी रहे हैं.