उत्तराखंड: इन मुद्दों को आधार बनाकर ‘साइकिल’ एक बार फिर पहाड़ चढ़ने की तैयारी में

देहरादून| आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर मुफ्त बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य के मुद्दों को आधार बनाकर ‘साइकिल’ एक बार फिर पहाड़ चढ़ने की तैयारी में है. शुक्रवार को हुई समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में 22 मुद्दों को लेकर पहाड़ में जनजागरण अभियान चलाने का फैसला लिया गया.

समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान की अध्यक्षता में कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक में प्रमुख मुद्दा पहाड़ तक अपनी पहुंच बनाने का रहा.

डॉ. सचान ने कहा कि उनका मकसद केवल मैदानी जिलों तक ही नहीं बल्कि पहाड़ी जिलों तक भी घर-घर तक समाजवादी पार्टी की सोच को पहुंचाना है. इसके लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम करने के साथ ही पार्टी जनजागरण अभियान की शुरुआत करेगी.

उन्होंने कहा कि नौ नवंबर को प्रदेश को बने 20 वर्ष हो जाएंगे, लेकिन भाजपा, कांग्रेस, बसपा हो या यूकेडी, सभी दलों ने राज्य की आशाओं को धूमिल किया है. आज न तो रोजगार हैं और न ही प्रदेश का विकास हुआ.

यह विकल्प समाजवादी पार्टी लेकर आएगी. बैठक में कई पदाधिकारियों ने महिलाओं को भी तवज्जो देने का सुझाव रखा. बैठक में प्रमुख महासचिव शुहेल अहमद, प्रदेश महासचिव डॉ. आरके पाठक, प्रदेश सचिव प्रदीप चौधरी आदि पदाधिकारी मौजूद रहे. 

इन मुद्दों पर चलेगा जनजागरण अभियान

  • पलायन रोकने के लिए प्रदेश में जल विद्युत और सोलर ऊर्जा से संचालित कुटीर उद्योग धंधों का जाल बिछाना .
  • प्रदेश के प्रति परिवार को प्रतिमाह 200 यूनिट बिजली मुफ्त और जल कर मुफ्त किया जाए.
  • गरीबी रेखा से नीचे प्रत्येक परिवार को साल में छह गैस सिलिंडर मुफ्त.
  • अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल क्षेत्र के युवाओं को प्रदेश की तरह केंद्र में भी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण.
  • घने जंगलों के बीच के पर्वतीय गांवों में रहने वाले वनवासियों को जनजाति घोषित कर लाभ दिया जाए.
  • गैरसैंण में अतिरिक्त मुख्य सचिव की पदस्थापना और स्थायी राजधानी की घोषणा.
  • प्रदेश को तीन मंडलों में विभाजित कर गैरसैंण को नया मंडल घोषित किया जाए, जिसमें मध्य हिमालय के चार जनपदों को शामिल किया जाए.
  • प्राइमरी से पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा दी जाए.
  • पीपीपी मोड खत्म कर सरकारी अस्पतालों को सरकार चलाए. प्रदेश के हर नागरिक को आयुष्मान योजना के तहत इलाज मिले.
  • नैनीताल उच्च न्यायालय की एक बेंच की स्थापना देहरादून में हो, ताकि उत्तरकाशी, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून के लोगों को नैनीताल न जाना पड़े.
  • पट्टेधारकों और नजूल की भूमि पर काबिज लोगों को मालिकाना हक दिया जाए.
  • एक परिवार को एक निजी आवास बनाने के लिए रेत, बजरी निशुल्क दी जाए.
  • रेत, बजरी खदानों के पट्टे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को दिए जाएं.
  • वन कानून को लचीला बनाते हुए जंगली जानवरों से मौत होने पर 25 लाख रुपये का मुआवजा और फसल बर्बाद होने पर उसकी क्षतिपूर्ति दी जाए.
  • प्रदेश में नई कृषि नीति लागू की जाए ताकि मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को लाभ मिल सके.
  • केंद्र सरकार द्वारा थोपे गए किसान और मजदूर विरोधी कानूनों को वापस लेने को आंदोलन होगा.
  • उच्चतम न्यायालय में विशेष याचिका दायर कर मलिन बस्तियों में रहने वालों के आशियाने बचाए जाएं.
  • नौकरशाहों से किसी भी मुख्यमंत्री का चहेता बनने के बजाय लोकसेवक के रूप में काम कराया जाए.
  • कानून व्यवस्था पर रोक और थानों में सत्ताधारी दलों के पदाधिकारियों की धमक बंद होनी चाहिए.
  • चुने हुए प्रतिनिधियों और नौकरशाहों को सेल्फ ऑडिट की कार्यशैली को अपनाया जाए. 

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