गुरुवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर हरिद्वार में कुंभ का पहला स्नान शुरू हो गया. तड़के से ही हर की पैड़ी पर तीर्थ यात्रियों की भीड़ लगी थी और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और भगवान शंकर का जलाभिषेक किया.
इस अवसर पर लोगों ने दान-पुण्य भी किया. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हुआ था. तड़के से ही हर की पैड़ी पर ब्रह्म मुहूर्त में लोगों ने गंगा में डुबकी लगानी शुरू कर दी थी.
गुरुवार सुबह 11:00 बजे से हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में महाशिवरात्रि का पहला शाही स्नान पर्व हुआ जो साथ दशनामी संन्यासी अखाड़े ने किया इसलिए प्रशासन ने सुबह आठ बजे तक की बड़ी ब्रह्मकुंड क्षेत्र में आम श्रद्धालुओं के लिए ईशान करने की व्यवस्था रखी है. 8:00 बजे के बाद इस क्षेत्र में आम श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर सकेंगे. वे अन्य घाटों में गंगा स्नान करेंगे. सुबह 11:00 बजे से लेकर शाम 6:30 बजे तक दसनाम नागा संन्यासी अखाड़ों के साधु-संत संग महामंडलेश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्नान करेंगे.
सबसे पहले हर की पैड़ी पर सुबह 11 बजे श्री पंच दशनाम, जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा के साधु-संत ने स्नान किया. उसके बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा और उसके बाद आखिर में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा और श्री अटल पंचायती अखाड़ा आखिर में हर की पैड़ी में गंगा स्नान करेंगे. सुबह 9 बजे जूना अखाड़ा के नागा साधु अपने अखाड़े से हर की पैड़ी गंगा स्नान के लिये निकलें.