वॉशिंगटन|…. अंतरिक्ष में बेकार पड़ी रूसी सैटेलाइट और निष्क्रिय चीनी रॉकेट के बीच होने वाली टक्कर का खतरा टल गया है. दरअसल, विशेषज्ञों ने चेताया था कि अगर यह टक्कर होती है तो इससे अंतरिक्ष में हजारों पीस मलबे का निर्माण होगा.
इससे अन्य देशों की सैटेलाइट्स और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को भी खतरा पैदा हो सकता था. अंतरिक्ष मलबे को ट्रैक करने वाली एक कंपनी लियोलैब्स ने एक हफ्ते पहले ही इन दो ऑब्जेक्ट्स के टक्कर की संभावना जताई थी.
लियोलैब्स के अनुसार, रूस की कॉसमॉस 2007 को दक्षिणी पोल की तरफ बढ़ते देखा गया था. जबकि चीन के चेंज झेंग 4सी रॉकेट उत्तर की तरफ जा रहा था.
उस समय दोनों ऑब्जेक्ट्स की स्पीड 52918 किलोमीटर प्रति घंटा थी. जिसके बाद से लियोलैब्स ने अपने रडार की मदद से इन दोनों पर नजर रखनी शुरू कर दी.
अब नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि ये दोनों ऑब्जेक्ट्स आपस में 26 से 141 फीट की दूरी से गुजर गए. जिससे इनके बीच कोई टक्कर नहीं हुई.
अगर यह टक्कर हो जाती तो आसपास घूम रहे दूसरे सैटेलाइट्स के अलावा अन्य स्पेस मिशन को भी भारी नुकसान पहुंचता.
बताया जा रहा है कि इन दोनों ऑब्जेक्ट्स का संयुक्त द्रव्यमान 2.8 मीट्रिक टन से ज्यादा था. ऐसे में अगर इतने भारी दो ऑब्जेक्ट्स के बीच टक्कर होती तो अंतरिक्ष में हजारों पीस नए मलबे का निर्माण होता.
पुराने रिपोर्ट्स के अनुसार, इस समय अंतरिक्ष में लगभग 170 मिलियन से ज्यादा कबाड़ घूम रहे हैं. जिससे कई बार गंभीर समस्या भी पैदा हो चुकी है.
दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां इन टुकड़ों पर नजर भी रखती हैं. फिर भी इनकी बढ़ती तादाद को देखते हुए ट्रैक करना एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है.