दोनों देशों में होगी बड़ी डील: रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आज भारत में कुछ घंटे की यात्रा को लेकर ही चीन-अमेरिका-पाक बौखलाया

आज एक बार फिर भारत और रूस के बीच राजधानी दिल्ली में दोस्ती की मिसाल देखने को मिलेगी.

अपने दोस्त की अगवानी करने के लिए भारत बेसब्री से इंतजार कर रहा है. भारत के साथ कई समझौतों मुहर लगाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन कुछ ही समय बाद राजधानी दिल्ली पहुंचने वाले हैं.

आज एक दिन की यात्रा पर आ रहे राष्ट्रपति पुतिन को लेकर मोदी सरकार उत्साहित है. राष्ट्रपति पुतिन दिल्ली में कुछ ही घंटे रहेंगे.

रूस और भारत के बीच होने जा रहे हैं रक्षा समझौतों को लेकर चीन, पाकिस्तान के साथ अमेरिका में भी बेचैनी बढ़ गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बाद एक बार फिर गर्मजोशी के साथ मुलाकात होने जा रही है.

दोनों नेताओं के बीच सोमवार शाम हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय मुलाकात होगी, जिसमें दोनों नेता ऊर्जा से लेकर अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और हथियार उत्पादन के क्षेत्र में कई डील करेंगे.

पुतिन सोमवार सुबह भारत पहुंचेंगे और देर शाम मॉस्को के लिए रवाना हो जाएंगे. हालांकि, नई दिल्ली में उनका कार्यक्रम काफी व्यस्त रहेगा.

पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों में कई समझौते होंगे.

एनर्जी सेक्टर में दोनों देशों के बीच अभी 30 बिलियन डॉलर इन्वेस्टमेंट है. 2025 तक इसे 50 बिलियन डॉलर तक करने का प्लान है. मोदी 2019 में रूस गए थे.

इस दौरान 10 हजार 300 किलोमीटर के चेन्नई व्लादिवोस्तोक सी-रूट पर बातचीत हुई थी. अगर इस पर समझौता होता है तो दोनों ओर के शिप्स को एक-दूसरे के यहां पहुंचने में 24 से 40 दिन कम लगेंगे.

पुतिन की एक दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों ट्रेड, एनर्जी, कल्चर, डिफेंस, स्पेस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करीब 10 समझौते कर सकते हैं. डिफेंस सेक्टर पर दुनिया की नजरें ज्यादा होंगी.

दो समझौतों से अमेरिका पहले ही कुछ परेशान है. ये हैं S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और दूसरा है अमेठी में AK-203 राइफलों का प्रोडक्शन. यहां साढ़े सात लाख AK-203 राइफलें बनाई जानी हैं.

भारत और रूस के बीच पहली बार 2+2 बातचीत होगी. भारत ने अब तक सिर्फ तीन देशों के साथ 2+2 बातचीत की है. ये हमारे क्वॉड पार्टनर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं. इस लिस्ट में रूस के शामिल होने से अमेरिका को खुशी तो बिल्कुल नहीं होगी, क्योंकि भारत और रूस पहले ही कई दशक से डिफेंस पार्टनर हैं.

इसमें पहले चरण में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोयगु के साथ बैठक करेंगे. इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूसी विदेशी मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात होगी. इस 2+2 बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से भारत-रूस एनुअल समिट के दौरान मुलाकात करेंगे.

बता दें कि भारत और रूस के बीच पहले से फाइनल हो रखी वो डील, जिस पर सबसे ज्यादा अमेरिका की निगाहें होंगी.

जिस डील पर अमेरिका ने भारत को कड़े प्रतिबंधों की धमकी तक दी है, लेकिन रूस से रिश्ते और मजबूत करने और अपनी सैन्य क्षमता को और ज्यादा बढ़ाने के लिए भारत ने ऐसी धमकियों तक की परवाह नहीं की.

ये डील एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की है जिसे लेकर रूस और भारत के बीच 5 अरब डॉलर से अधिक के सौदे पर समझौता हुआ था. इस मुलाकात में भारत-रूस मिलकर एस-400 की आपूर्ति में आ रही मामूली बाधाओं को दूर करने का प्रयास भी करेंगे.

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