यूक्रेन और रूस युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा बनाने के लिए तैयार हो गए हैं. दोनों देशों ने यह फैसला मानवीय आधार पर लिया है. लड़ाई वाले इलाकों में फंसे लोगों को इस गलियारे से निकाला जाएगा. यह फैसला गुरुवार यूक्रेन और रूस के बीच हुई वार्ताकारों की बैठक में हुआ.
हालांकि, इस बैठक में युद्धविराम अथवा अन्य मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन पाई. रूस और यूक्रेन दोनों ने तीसरी दौर की बातचीत करने का फैसला किया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोदोलियाक ने कहा कि रूस और यूक्रेन एक प्रारंभिक समझौते पर पहुंच गए हैं कि उन इलाकों में संघर्ष विराम लागू किया जाएगा जहां सुरक्षित गलियारे बनाए गए हैं.
उन्होंने पोलैंड की सीमा के समीप बेलारूस में बृहस्पतिवार को हुई वार्ता में भाग लिया. दोनों देश युद्धग्रस्त इलाकों में दवा एवं खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने पर भी सहमत हुए हैं.
लड़ाई शुरू होने के बाद यह पहला मौका जब दोनों देश किसी मुद्दे पर राजी हुए हैं. रूस ने गत 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया. बीते आठ दिनों के रूस के हमलों में यूक्रेन के शहरों में भारी बर्बादी हुई है.
निर्दोष लोगों के मारे जाने की खबर है. लोग दहशत में हैं. अपने लिए सुरक्षित ठिकानों की तलाश में अब तक करीब 10 लाख लोग पड़ोसी मुल्कों में पलायन कर गए हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ेगी.
यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर खारकीव पर रूस ने भीषण हमला किया है. इस शहर सरकारी इमारतों एवं सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया है. रूस अब राजधानी कीव पर अपना कब्जा करना चाहता है और इसके लिए उसने राजधानी की घेरेबंदी की है.
जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में कीव के लिए संघर्ष तेज हो सकता है. यूक्रेन ने शुक्रवार सुबह कहा कि रूसी सेना के हमले में जपोरिजिया परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा है. आईएईए ने गंभीर खतरे की चेतावनी दी है.