14 दिसंबर की आधी रात से बदल जाएंगे पैसों से जुड़े नियम, करोड़ों लोगों को होगा फायदा

मुंबई| कोरोना काल में डिजिटल पेमेंट में तेजी जारी है. देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में कहा था कि बड़े लेन-देन के लिए प्रयोग में आने वाली रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम 14 दिसंबर से 24 घंटे काम करने लगेगी.

RTGS सिस्टम वर्तमान में हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार व रविवार को छोड़ सप्ताह के सभी कार्य दिवसों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक काम करता है. आरटीजीएस सिस्टम का इस्तेमाल अधिक मूल्य के लेनदेन के लिए किया जाता है.

14 दिसंबर 2020 की मध्यरात्रि RTGS 24 घंटे
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के बादये घोषणाएं कीं. RTGS सिस्टम की 07 दिन 24 घंटे उपलब्धता पर रिजर्व बैंक ने कहा कि यह तय किया गया है कि RTGS सिस्टम को वर्ष भर 365 दिन 24 घंटे उपलब्ध कराया जाए और इसकी शुरुआत 14 दिसंबर 2020 की मध्यरात्रि 00:30 बजे से हो जाएगी.

पेमेंट सिस्टम चलाने वाली कंपनियो को मिलेगा लॉन्ग टर्म लाइसेंस
एक अन्य पमेंट सिस्टम NEFT पहले ही 24 घंटे उपलब्ध है. RBI ने पेमेंट सिस्टम चलाने वाली कंपनियो को लॉन्ग टर्म आधार पर लाइसेंस देने का भी फैसला किया है. कंपनियों से कहा गया है कि आवेदन को खारिज किए जाने या लाइसेंस वापस लिए जाने के एक साल बाद फिर से लाइसेंसे के लिए आवेदन कर सकती हैं.

अब 5000 रुपए तक कॉन्टैक्टलेस लेनदेन
इसके साथ ही RBI ने कॉन्टैक्टलेस लेनदेन की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया. दास ने कहा कि डिजिटल पमेंट को सुरक्षित तरीके से बढ़ाने के लिए UPI यूपीआई या कार्ड के जरिये बिना संपर्क के किए जा सकने वाले लेन-देन की सीमा को एक जनवरी 2021 से 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया जाएगा. RBI ने कहा कि इससे संबंधित परिचालन के दिशानिर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.

NEFT और RTGS से लेनदेन पर चार्ज बंद
गौर हो कि देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए RBI ने जुलाई 2019 से NEFT और RTGS के माध्यम से किए जाने वाले लेन-देन पर शुल्क लेना बंद कर दिया. एनईएफटी का इस्तेमाल दो लाख रुपये तक के लेन-देन में किया जाता है, जबकि बड़े लेन-देन RTGS के माध्यम से किये जाते हैं.

वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए बनाए जाएंगे सेंटर
RBI गवर्नर ने कहा कि लोगों के बीच वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय साक्षरता केंद्र (सीएफएल) अभी 100 प्रखंडों में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से मार्च 2024 तक सभी प्रखंडों में ऐसे केंद्र बनाए जाएंगे.

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