बिहार में दो विधानसभा कुशेश्वर अस्थान और तारापुर के लिए उपचुनाव होने जा रहे हैं. यह उपचुनाव एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए अहम है. बता दें कि चुनाव से पहले उस वक्त दरार पड़ गई जब आरजेडी ने कांग्रेस को सीट देने से मना कर दिया और बौखलाई कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार भी उतार दिये.
इस विषय पर जब आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव से पूछा गया तो उनका जवाब था कि क्या ये दोनों सीटें हारने के लिए दे देते. कांग्रेस उम्मीदवारों को जमानत भी नहीं बचती. लालू प्रसाद यादव अब खुद चुनावी मैदान में रणभेरी बजाने जा रहे हैं. वो उन दोनों जगहों पर 27 अक्टूबर को चुनावी सभा करेंगे.
दिल्ली से पटना लौटने के बाद उन्होंने कहा कि मैं अस्वस्थ था और हिरासत में था जिसके कारण मैं दो चुनाव चूक गया, लेकिन अब उपचुनाव हो रहे हैं और मैं लोगों के प्यार के कारण वापस आने में कामयाब रहा हूं. लालू यादव ने कहा कि बिहार आज जिस दौर से गुजर रहा है उसे बाहर निकालने के लिए गैर एनडीए दलों को एक होना होगा. हम छोटे छोटे लाभ के लिए एनडीए को परास्त नहीं कर पा रहे हैं.
कुशेश्वर अस्थान उपचुनाव में दरभंगा एम्स और एयरपोर्ट के नाम पर भी एनडीए अपने उम्मीदवार के लिए वोट मांग रही है.नीतीश कुमार ने धबोलिया की सभा में कहा कि यह बाढ़ग्रस्त इलाका है. छह से आठ महीने पानी लगा रहता है.
कई बार इस इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया और सड़क मार्ग से भी यात्रा कर स्थिति को देखा है. यहां पर विकास के कई कार्यों को किया जा रहा है कि और उसका असर भी जल्द ही दिखाई देगा.
जानकारों का कहना है कि इसे सिर्फ दो विधानसभा चुनाव के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. यह चुनाव इसलिए खास है क्योंकि आरजेडी मुखिया स्पष्ट कर चुके हैं कि वो कुशेश्वर अस्थान और तारापुर दोनों जगहों पर चुनावी सभा संबोधित करेंगे.
यह बात सही है कि लालू प्रसाद खुद किसी चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकते हैं लेकिन उनके प्रशंसकों की कमी नहीं है. बिहार में लाखों की तादाद में ऐसे लोग जिनकी अगाध आस्था लालू प्रसाद यादव में है. अगर वो सार्वजनिक तौर पर लोगों के बीच में जाते हैं तो निश्चित तौर पर आरजेडी को उसका फायदा मिलेगा.
साभार- टाइम्स नाउ