रिटायर्ड नौकरशाहों ने सीएम योगी को लिखे पत्र में अवैध अध्यादेश को वापस लेने की मांग की है.इस पत्र में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सभी राजनेताओं को संविधान के बारे में अपने आप को फिर से शिक्षित करने की जरूरत है.
पत्र में कहा गया है कि यूपी में शासन की संस्थाएं अब सांप्रदायिक जहर में डूबी हुई हैं.इन पूर्व अफसरों ने मुख्यमंत्री योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.योगी को लिखे पत्र में इस महीने के शुरू में यूपी के मुरादाबाद में हुए मामले का जिक्र किया गया, जिसमें अल्पसंख्यकों को कथित रूप से बजरंग दल द्वारा कथित रूप से दोषी ठहराया गया था.
यही नहीं अभी कुछ दिनों पहले प्रदेश के बिजनौर जनपद में दो किशोरों को पीटा और परेशान किया फिर पुलिसस स्टेशन में ले जाया गया जहां लव जिहाद का मामला दर्ज किया गया. एक किशोर को 16 साल की हिंदू लड़की को जबरन शादी करने की कोशिश करने के आरोप में एक हफ्ते से अधिक समय से जेल में रखा गया था.
हालांकि लड़की और उसकी मां दोनों द्वारा आरोप को गलत बताया जा रहा था. रिटायर्ड अफसरों ने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश में ये अत्याचार, कानून के शासन के लिए समर्पित भारतीयों के आक्रोश की परवाह किए बिना जारी हैं, यही नहीं धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश का उपयोग एक छड़ी के रूप में किया जा रहा है.
शंभू नाथ गौतम वरिष्ठ पत्रकार