देश की आजादी के बाद शायद यह पहला केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार था जो एक्शन और सस्पेंस भरा हुआ था.
‘कोरोना महामारी से बिगड़े हेल्थ सिस्टम के बाद दुनिया भर में केंद्र सरकार की हुई फजीहत, डगमगाती अर्थव्यवस्था, बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी हार इसके साथ सात महीनों के अंदर होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह तय कर लिया था कि अब तीन साल (2024) तक सरकार कैसे चलानी है’.
मोदी-शाह की जोड़ी ने मंत्रिमंडल विस्तार करने में इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके लिए उन्होंने किसी की नाराजगी की भी ‘चिंता’ नहीं की. ‘प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रिमंडल से ऐसे दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखा दिया, जिसे कोई सोच भी नहीं सकता था’.
पिछले महीने से ही केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार ‘बड़ा’ होगा लेकिन इतना मेगा फेरबदल होगा जिसमें कई भरोसेेेे के रहे मंत्रियों की ‘कुर्सी’ भी चली जाएगी.
बता दें कि ‘मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार था जिसमें जातीय समीकरण, (सवर्ण, ओबीसी, दलित वर्ग) के साथ युवा सरकार बनाने बनाने के लिए बहुत कुछ बदल डाला’. अब बात को आगे बढ़ाते हैं। मंगलवार को ही मोदी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ‘हलचल’ तेज हो गई थी.
पहले जैसे खबर आई थी कि इस बार कैबिनेट विस्तार में 20 से 25 नए चेहरे शामिल किए जाएंगे.
बुधवार सुबह से मंत्रिमंडल सियासी पंडितों के साथ भाजपा और विपक्षी पार्टियों की ‘निगाहें’ मोदी सरकार की नई टीम पर लगी हुई थी. ‘दोपहर होते-होते मोदी सरकार में शामिल रहे कई दिग्गजों ने इस्तीफा देने की झड़ी लगा दी’. नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण से पहले मौजूदा मंत्रियों के इस्तीफे का दौर शुरू हो गया.
एक के बाद एक लगातार केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफा देने की खबर आती गई जो शपथ ग्रहण से पहले तक जारी रही.
सबसे आखिर में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस्तीफा देकर ‘चौंका’ दिया.
इसके बाद आभास हो गया था मोदी सरकार इस बार मेगा कैबिनेट विस्तार करने के लिए तैयार है. ‘कुछ बड़े मंत्रियों का अचानक हटाए जाना सियासत के महारथियों को भी आश्चर्य में डाल गया’.
इनमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला बाल विकास मंत्री देबोश्री चौधरी, उर्वरक और रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा, श्रम राज्य मंत्री संतोष गंगवार, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, प्रताप सारंगी और रतन लाल कटारिया को इस्तीफा देना पड़ा.
गौरतलब है कि केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने मंगलवार को ही इस्तीफा दे दिया था. थावरचंद को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया. इस प्रकार प्रधानमंत्री ने 12 केंद्रीय मंत्रियों का ‘सफाया’ कर दिया.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार