पाकिस्तान: सेना प्रमुख जनरल बाजवा के दामन में उभरा दाग, छह वर्षों में परिवार बना अरबपति

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अगले कुछ दिनों में रिटायर हो रहे है. लेकिन परिवार को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है. इससे उनके दामन पर दाग उभरा है. इसमें दावा किया गया है कि जनरल बाजवा का परिवार मात्र छह साल में अरबपति बन गया है. इस रिपोर्ट से पाकिस्तान में बवाल मच सकता है.

पाकिस्तान में सेना सबसे शक्तिशाली है. यह सनसनीखेज रिपोर्ट पाक सेना में भारी भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रही है. इसमें कहा गया है कि बाजवा की विदाई के पहले आई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति में बीते छह सालों में भारी बढ़ोतरी हुई है.

‘फैक्ट फोकस’ के लिए पाकिस्तान पत्रकार अहमद नूरानी ने यह खोजी रिपोर्ट तैयार की है. नूरानी ने खुलासा किया है कि कैसे बाजवा के करीबी और परिवार के सदस्यों ने कुछ ही वर्षों में एक नया कारोबार शुरू किया और पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में फार्महाउस के मालिक बन गए. उन्होंने विदेशी संपत्ति खरीदी और उससे अरबों डॉलर कमाए.

फैक्ट फोकस की रिपोर्ट में बहुत से आंकड़े पेश किए गए हैं. इनमें उनकी पत्नी आयशा अमजद, उनकी बहू महनूर साबिर और परिवार के अन्य करीबी सदस्यों की संपत्ति का जिक्र है. इसमें दावा किया गया है कि छह साल में उनका परिवार अरबपति बन गया.

छह वर्षों में बाजवा परिवार ने विदेशों में भी कई संपत्तियां खरीदीं और पैसा विदेशों में ट्रांसफर किया. यह परिवार इस्लामाबाद व कराची में कमर्शियल प्लाजा और व्यावसायिक भूखंडों का मालिक बन गया. लाहौर में भी परिवार के पास भारी मात्रा में जायदाद है.

नूरानी ने रिपोर्ट में दावा किया है कि बाजवा परिवार ने बीते छह सालों में 12.7 अरब रुपये की जायदाद बटोरी है. टैक्स रिटर्न और अन्य वित्तीय विवरणों के आधार पर, पाकिस्तानी पत्रकार नूरानी ने बताया कि सेना प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद जनरल बाजवा के परिवार ने कैसे 2013 और 2017 के बीच संपत्ति जमा की. 2013 में उन्होंने संपत्ति विवरण में तीन बार संशोधन किया.

वर्ष 2013 के संशोधित विवरण में जनरल बाजवा ने डीएचए लाहौर के फेज-8 में एक वाणिज्यिक भूखंड का विवरण शामिल किया. उन्होंने दावा किया कि दरअसल लाहौर का यह भूखंड उन्होंने 2013 में खरीदा था, लेकिन वे पिछले चार साल तक इसका विवरण देना भूल गए. यह 2017 में जोड़ा गया. तब उन्हें सेना प्रमुख बने एक साल हो चुका था.

इसी तरह 2016 में आयशा अमजद ने अधिक विवरण दिए बिना आठ अन्य संपत्तियां घोषित कीं. इसे 17 अप्रैल, 2018 को संशोधित किया गया था. जब बाजवा पाक सेना प्रमुख बने थे. आयशा ने घोषणा की थी कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015 में उनकी संपत्ति का शून्य था, लेकिन छह साल के भीतर आवासीय और वाणिज्यिक भूखंडों के संदिग्ध लेनदेन के बाद संपत्ति शून्य से 2.2 अरब रुपये हो गई. बाजवा की बहू महनूर साबिर की संपत्ति में बढ़ोतरी भी चौंकाने वाली है.





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