किराएदारों के मकान में रहने वालों के लिए ये यह खबर बहुत काम की है. क्योंकि सरकार ने रेंट एग्रीमेंट पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी को माफ करने का फैसला लिया है. हालांकि इसके लिए पिछले साल ही पूरी तैयारी कर ली गई थी. किराएदार जानकारी के अभाव में योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की सरकार पहले से ही राज्य में सुविधा लागू कर चुकी है. हालांकि इस छूट में कुछ कंडीशन रखी गई है. जिन्हें फॅालो करने वालों को ही रेंट एग्रीमेंट में छूट का प्रावधान किया गया है..
जानकारी के मुताबिक, स्टांप ड्यूटी पर लगने वाली छूट सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी. जिनका किराया 10000 रुपए तक है. हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि आचार संहिता हटने के बाद इसकी घोषणा हो सकती है. आपको बता दें कि फिलहाल देश में आम चुनाव चल रहे हैं. जिसके चलते 4 जून तक पूरे देश में आचार संहिता लगी है. चार जून को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आएगा. जिसके बाद नई सरकार का गठन होगा. बताया जा रहा है कि उसके बाद रेंट एग्रीमेंट पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी को देशभर में माफ करने के लिए घोषणा होने की पूरी संभावनाएं हैं.
दरअसल, नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 में किराए पर मकान देने और लेने के लिए एग्रीमेंट कराना अनिवार्य कर दिया गया था. जिसमें सरकार कुछ संसोधन करने की बात कर रही है. हालांकि सरकार का इस पर कोई अधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है. आपको बता दें कि शुल्क के चक्कर में कई लोग तो रेंट एग्रीमेंट ही नहीं कराते. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ये नियम बनाने जा रही है कि 10 हजार से कम रेंट वालों को किसी भी प्रकार के स्टांप शुल्क देने की जरूरत नहीं है…
नियमों के मुताबिक प्रस्तावित छूट एक वर्ष की अवधि व्यतीत होने के बाद यदि पुन: एक वर्ष के लिए होने वाले एग्रीमेंट पर दी जाएगी. वहीं बड़े भवनों, व्यवसायिक भवनों पर छूट का प्रावधान नहीं रहेगा. बताया जा रहा है कि पहले कुछ ही राज्य इसे फॅालो करेंगे. इसके बाद पूरे देश में इसे लागू कराने की संभावना है. किराएदारी अधिनियम में भवन स्वामी व किराएदारों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा के प्रावधन किए गए हैं. क्योंकि आजकल मकानों पर कब्जे के मामले बढ़ गए हैं. इसलिए मकान लेने वाले और देने वाले दोनों के लिए रेंट एग्रीमेंट बेहद जरूरी है..
अब किराएदारों की आई मौज, किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 में हुआ बदलाव
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