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अर्थव्यवस्था में सुधार धीरे-धीरे होगा- हर जरूरी कदम उठाने को तैयार आरबीआई : शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत
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कोरोना वायरस महामारी की वजह से चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार (16 सितंबर) को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार पूरी रफ्तार में नहीं पहुचा है, यह धीरे-धीरे होगा.

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में नकदी की उपलब्धता से सरकार के लिए कम दर पर और बिना किसी परेशानी के बड़े पैमाने पर उधारी सुनिश्चित हुई है. अर्थव्यवस्था के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी रिजर्व बैंक उसके लिए पूरी तरह तैयार है.

शिक्षा का आर्थिक विकास में योगदान रहता है, ऐसे में नई शिक्षा नीति ऐतिहासिक है और नए युग के सुधारों के लिए जरूरी है. अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में प्राइवेट सेक्टर को रिसर्च, इनोवेशन, पर्यटन, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए. पर्यटन सेक्टर आर्थिक वृद्धि का इंजन बन सकता है.

  • इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर दबी मांग हैं जिसका लाभ उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एनबीएफसी की कमजोरी चिंता का विषय है और नियमन के मामले में वे अभी भी बैंकों के समान स्तर पर नहीं हैं.
  • भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, रिजर्व बैंक उसके लिए पूरी तरह तैयार है.
  • उद्योग संगठन फिक्की के एक प्रोग्राम को संबोधित करते उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार अभी पूरी गति में नहीं पहुचा है, यह धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा. उन्होंने प्राइवेट सेक्टर को आगे बढ़कर अर्थव्यवस्था में सुधार की गति बढ़ाने में योगदान करने को कहा.
  • दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में कैश की उपलब्धता कराए जाने से सरकार के लिए कम दर पर और बिना किसी परेशानी के बड़े पैमाने पर उधारी सुनिश्चित हो पाई है. पिछले एक दशक में यह पहला मौका है जब उधारी लागत इतनी कम हुई है.
  • उन्होंने कहा कि अत्यधिक कैश की उपलब्धता से सरकार की उधारी लागत बेहद कम बनी हुई है और इस समय बॉन्ड प्रतिफल पिछले 10 वर्षों के निचले स्तर पर हैं. दास ने कहा कि जीडीपी के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रकोप का संकेत मिलता है
  • रिजर्व बैंक गवर्नर ने कोविड- 19 के बाद अर्थव्यवस्था की गति तेज करने के लिए निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं इनोवेशन, फूड प्रोसेसिंग और पर्यटन सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा है कि पर्यटन सेक्टर में व्यापक संभावनाएं हैं और प्राइवेट सेक्टर को इसका लाभ उठाना चाहिए.

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