नई दिल्ली| भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक बार फिर द्वैमासिक मौद्रिक समिति बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. यह लागतार चौथी बार है जब आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों को बरकरार रखा है.
फिलहाल रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है. आरबीआई की बैठक से पहले ही अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने का मतलब है कि निकट भविष्य में लोन की ईएमआई कम होने के आसार लगभग न के बराबर हैं. आइए जानते हैं कि आरबीआई के इस फैसले के बाद मौजूदा होम लोन पर क्या असर पड़ेगा?
1. एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक हुए होम लोन
जिन लोगों का होम लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक है, फिलहाल उनकी EMI में कोई बदलाव होने के आसार नहीं है. हालांकि, बैंक अपनी तरफ से मार्जिन कम करने का फैसला ले सकते हैं. दूसरी ओर अगर बैंक आपके अकाउंट पर रिस्क प्रीमियम बढ़ा देता है तो होम लोन की रकम पर ईएमआई बढ़ सकती हे.
2. एमसीएलआर से लिंक हुए लोन
बैंक का मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) कॉस्ट ऑफ फंड्स जैसे इन्टर्नल फैक्टर और रेपो रेट जैसे एक्सटर्नल फैक्टर से भी प्रभावित होता है. आमतौर पर एमसीएलआर से लिंक किए गए होम लोन की रिसेट अवधि 6 महीने या एक साल की होती है. ऐसे में अगर आपका बैंक आने वाले समय में एमसीएलआर रिवाइज कर इसे कम करता है तो आपकी EMI भी कम हो जाएगी. सितंबर 2020 में ही RBI ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए बताया था कि उसने MCLR की रिसेट पीरियड को 1 साल से घटाकर 6 महीने कर दिया है. इसका मतलब है कि पॉलिसी में किसी भी बदलाव का असर ग्राहकों पर जल्दी ही पड़ेगा.
3. बेस रेट या BPLR से लिंक लोन
जिन लोगों का लोन बेस रेट या बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट से लिंक है, उन्हें एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करने पर विचार करना चाहिए. आरबीआई द्वारा पॉलिसी में किसी भी बदलाव का असर इसपर जल्दी पड़ता है. कम से कम फाइनेंशियल प्लानर्स व इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का तो यही कहना है. 10 दिसंबर 2020 से प्रभावी एसबीआई का बीपीएलआर 12.05 फीसदी और बेस रेट 7.30 फीसदी है. हालांकि, रेपो रेट लिंक्ड लोन का ब्याज दर 7 फीसदी से शुरू होता है.
4. नये होम लोन लेने का सही मौका
अगर कोई व्यक्ति निकट भविष्य में लोन लेने की तैयारी कर रहा है तो यह उनके लिए सबसे बेस्ट समय है क्योंकि ब्याज दरें बेहद कम हैं. हालांकि, मौजूदा महामारी के बीच अन्य तरह के फैक्टर्स का भी मूल्यांकन कर लेना चाहिए. इसके अलावा सबसे कम दर पर लोन लेने के लिए बैंकों के मार्जिन और उनके रिस्क प्रीमियम के बारे में भी पता कर लेना चाहिए. आपको यह भी ध्यान देना होगा कि सभी बैंकों ने एक्सटर्नल बेंचमार्क के तौर पर रेपो रेट को नहीं चुना है. कुछ बैंक लोन के ब्याज दरों को डिपॉजिट रेट सर्टिफिकेट, ट्रेजरी बिल्स आदि से जोड़ रखा है. नये लोन लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड ब्याज दर में उतार-चढ़ाव की गुंजाइश बनी रहती है. ब्याज दराें में किसी भी बदलाव का असर ईएमआई पर पड़ेगी.
अगर कोई व्यक्ति योग्य है तो वो प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के जरिए लोन का आवेदन कर सकता है. यह सालाना 6 से 12 लाख रुपये कमाने वाले लोगों के लिए एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम है, जिन्हें ब्याज पर 4 फीसदी की सब्सिडी मिलती है. सालाना 12 से 18 लाख रुपये कमाने वालों के लिए यह सब्सिडी 3 फीसदी की है. इस स्कीम का लाभ उठाने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2021 है.