नई दिल्ली| भारतीय रिज़र्व बैंक ने गुरुवार को जानकारी दिया हे कि कोल्हापुर के सुभद्रा लोकल एरिया बैंक का लाइसेंस कैसिल कर दिया है. इस बैंक के संचालन में गड़बड़ियों को देखते हुए आरबीआई ने यह फैसला उठाया है.
आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 22, 4 के तहत कैंसिल किया है. इस मामले के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए आरबीआई ने कहा कि सुभद्रा बैंक में ऐसे कई काम हो रहे थे जो डिपॉजिटर्स के वर्तमान और भविष्य के लिहाज से उचित नहीं थे. ऐसे में इस बैंक को जारी रखने से पब्लिक को नुकसान पहुंच सकता है.
बैंकिंग व अन्य कारोबार करने पर प्रतिबंध
आरबीआई ने इसी महीने महाराष्ट्र के संकटग्रस्त कराड बैंक का भी लाइसेंस कैंसिल कर दिया था. अब सुभद्रा बैंक को लेकर केंद्रीय बैंक का कहना है कि पिछले वित्त वर्ष की दो तिमाहियो में इस बैंक ने मिनिमम नेटवर्थ की शर्तों का उल्लंघन किया है. इस बैंक के पास जमाकर्ताओं को लौटाने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है. अब लाइसेंस कैंसिल होन के बाद यह बैंक किसी भी तरह का बैंकिंग या अन्य कारोबार नहीं कर सकता है.
बैंक के पास डिपॉजिटर्स को पैसे वापस करने के लिए पर्याप्त पूंजी
आरबीआई ने कहा कि इस बैंक के मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली को देखते हुए कहा जा सकता है कि डिपॉजिटर्स के वर्तमान और भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. लाइसेंस कैंसिल करने के बाद आरबीआई अब हाई कोर्ट में एक एप्लीकेशन भी डालेगा. हालांकि, आरबीआई ने यह भी कहा कि वर्तमान में सुभद्रा लोकल एरिया बैंक के पास सभी डिपॉजिटर्स को भुगतान करने के लिए पर्याप्त पूंजी है.
डिपॉजिटर्स को वापस मिलेगी 5 लाख रुपये तक की रकम
बता दें कि किसी भी बैंक के बंद होने पर उस दौरान बैंक के सभी डिपॉजिटर्स को उनकी पूंजी वापस देने का प्रावधान है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) यह सुनिश्चित करता है. DICGC के नियमों के अनुसार यह लिमिट 5 लाख रुपये तक की ही है. इसका मतलब है कि बैंक बंद होने के बाद डिपॉजिटर्स को अधिकतम 5 लाख रुपये तक वापस मिल सकते हैं. आरबीआई का कहना है कि कराड बैंक के 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को उनक पूरा पैसा वापस मिल जाएगा.
साभार-न्यूज़ 18