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कैप्टन-सिद्धू की मध्यस्थता कराने के लिए रावत हाईकमान के दरबार में लगा रहे चक्कर

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पूर्व सीएम हरीश रावत

शुक्रवार को एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. यह मुलाकात उस वक्त हुई है जब पार्टी की पंजाब इकाई में संगठनात्मक बदलाव और इसमें सिद्धू को महत्वपूर्ण भूमिका देने की चर्चा है. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी बैठक में मौजूद थे.

‘रावत ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में जारी कलह के बीच उन्होंने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, उन्होंने कहा कि कैप्टन और सिद्धू के बीच तकरार को लेकर सोनिया गांधी जल्द ही कोई फैसला लेंगी’. यहां हम आपको बता दें कि अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच काफी महीनों से ‘जंग’ चल रही है. दोनों के बीच सुलह कराने को लेकर दिल्ली में भी कई बैठकें हुईं.

सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक ने बैठकें कीं, लेकिन अब भी बात बनती नहीं दिख रही है. पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और कुछ अन्य नेताओं ने सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ ‘मोर्चा’ खोल रखा है. ‘पार्टी में कलह को दूर करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था जिसमें हरीश रावत और वेणुगोपाल भी शामिल हैं’.

जिस प्रकार से अमरिंदर और सिद्धू की ‘तनातनी’ चल रही है उसे देख कर कह पाना मुश्किल है कि फिलहाल मामला सुलझेगा. इन दोनों नेताओं की लड़ाई के बीच हरीश रावत फंसकर रह गए हैं. जबकि उत्तराखंड में रावत के समर्थक और करीबी नेता उनका लौटने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन अभी तक सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने हरीश रावत को अपने गृह राज्य की राजनीति में जाने के लिए हरी झंडी नहीं दी है.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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